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सचिवालय प्रशासन के अन्दर भी कटे गाडियों के चालान

01 14 सचिवालय प्रशासन के अन्दर भी कटे गाडियों के चालान

देहरादून। ट्रैफिक जाम और ट्रैफिक रूलों की अनदेखी हर शहर में लोग कर जाते हैं। लेकिन देहरादून में इस तरह की अंदेखी कभी भी भारी पड़ सकती है। कुछ लोग अपना ओहदे की धौंस जमा देते हैं। लेकिन जब चालान सचिवालय परिसर में होने लगे तक क्या कहेंगे। ताजा नजारा उत्तराखंड के सचिवालय परिसर का है। जहां वाहन के बेतरतीब खड़े करने को लेकर अब प्रशासन ने चालान काटना शुरू कर दिया है।

01 14 सचिवालय प्रशासन के अन्दर भी कटे गाडियों के चालान

सड़कों पर बेतरतीब वाहन को लेकर देहरादून की पुलिस बहुत ही जागरूक कही जाती है। आपका वाहन लगा नहीं कि चालान कटा। आलम ये है कि लोग खुद एक दूसरे को ट्रैफिक और पार्किंग के रूल समझाते नजर आते हैं। शहर के हर चौराहे पर एक पुलिसकर्मी इसी ताक में रहता है कि गलती हो और तुरंत चालान। पुलिस का ये गुडवर्क अब सूबे के सबसे महत्वपूर्ण और बड़े अधिकारियों तक भी पहुंच गया है।

जी हां अब पुलिस सचिवालय परिसर में भी चालान काट सकती है। सचिवालय प्रशासन के अन्दर पार्किंग स्थलों की जगह लोग अपने वाहनों को इधर-उधर कहीं भी खड़ा कर देते हैं। जिससे अक्सर दूसरों को परेशानी होती है। लिहाजा अब सचिवालय प्रशासन ने पुलिस कर्मियों को सचिवालय प्रशासन के भीतर भी ट्रैफिक रूल समझाने के लिए छूट दे दी है।

पुलिस की माने तो इस काम में कई बार कुछ ओहदेदार लोग झाड़ भी लगा देते हैं लेकिन चालान जरूर कट जाता है। सचिवालय में चालान काट रहे पुलिसकर्मियों से जब इस बारे में पूछा तो उन्होने कहा कि सचिवालय परिषर में वाहन गलत तरीके से ना खड़े किए जाए और जो लोग ऐसा करते हैं उन्हे चालान काट कर दण्डित करने के लिए प्रशासन ने उन्हें अधिकार दिया है। य़े चालान केवल ट्रैफिक ही नहीं बल्कि परिसर में तम्बाकू खाने और सिगरेट पीने वालों पर भी लग रहा है। खुद विभाग के पुलिस कर्मियों की माने तो उनको ये काम खुद सचिव सचिवालय प्रशासन की ओर से सौंपा गया है।

वैसे तो दून शहर में लोग ट्रैफिक के नियमों का पालन खुद ही करते हैं। लेकिन अब सचिवालय में भी ट्रैफिक के साथ तम्बाकू खाने और सिगरेट पीने पर भी चालान भरने से जहां कई लोगों को दिक्कत है। तो कुछ इसे एक अच्छा कदम भी बता रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस और पुलिसकर्मी इसको लेकर बहुत ही संजीदा दिखते हैं तो इस बात का सुकून होता है कि ये हमारे सुविधा के लिए ही सही नियमों का पालन करने के लिए कह रहे हैं।

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