असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित राज्य चिड़ियाघर में 2011 से अब तक 306 विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों की मौत हुई है। इसमें 191 स्तनपायी, 104 पक्षी और 11 सरीसृप जीव शामिल हैं। बुढ़ापे व अन्य बीमारियों के चलते चिड़ियाघर के पशु-पक्षियों की मौत हुई है। यह जानकारी असम विधानसभा में वन मंत्री प्रमीला रानी ब्रह्म ने विधायक रमेंद्र नारायण कलिता के प्रश्न के उत्तर में दी।
वन मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय उद्यान काजीरंगा या अन्य राज्य के उद्यानों में पर्यटकों की सुविधा के लिए सफारी की व्यवस्था की गई है| बावजूद केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के नियमों के अनुसार चिड़ियाघर के अंदर पर्यटकों के लिए सफारी की व्यवस्था का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने बताया कि असम चिड़ियाघर में दर्शकों के आमोद-विनोद और उनकी सुविधा के लिए वर्तमान में मिनी ट्रेन की कोई व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर विभाग आने वाले दिनों में व्यवस्था करने को लेकर तैयारी कर रहा है।
प्रमीला रानी ने बताया कि राज्य चिड़ियाघर के पशु-पक्षियों के खाद्य और चिकित्सा के लिए 2011-12 वित्त वर्ष में 304.55 लाख रुपये, 2012-13 वित्त वर्ष में 310.55 लाख रुपये, 2013-14 वित्त वर्ष में 462.65 लाख रुपये, 2014-15 वित्त वर्ष में 343.19 लाख रुपये, 2015-16 वित्त वर्ष में 495.54 लाख रुपये, 2016.17 वित्त वर्ष में 500.55 लाख रुपये तथा 2017 के पहले अप्रैल से वर्तमान तक 530.00 लाख रुपये की पूंजी का आवंटन किया गया है।