नई दिल्ली। फरवरी माह के आखिरी रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। पीएम ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत भौतिक शास्त्री और भारत रत्न से सम्मानित सीवी रमन को याद करते हुए की। मन की बात के 41वीं संस्करण में पीएम ने राष्ट्रिय विज्ञान दिवस पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि 4 मार्च को नेशनल सेफ्टी डे है। पीएम ने एनडीमए की तारिख करते हुए कहा कि आपदा से लड़ने के लिए एनडीमए हमेशा तैयार है और नए लोगों को हर पल परक्षीण दे रहा है। ज्यादातर दुर्घटनाएं गलतियों के कारण ही होती है। थॉमस एडिसन ने अपनी असफताओं को अपनी शक्ति बनाया।
पीएन ने कहा कि पशुओं के अपशिष्टट के इस्तेमाल की योजना को गोबरधन योजना कर दिया गया है। पीएम ने किसानों से आह्वान किया की वो गोबर और कचरे को आय का स्त्रोत बनाएं। किसानों को गोबर की ब्रिक्री का सही दाम मिलेगा। गोबरधन योजना के ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म बनेगा। रायपुर में पहले कचरा महोत्सव का आयोजन किया गया। कचरा प्रबंधन को ध्यान में रखकर कचरा महोत्सव का आयोजन किया गया था। स्वच्छता की थीम के ऊपर कई जिलों में महोत्सव का आयोजन किया गया था। महोत्सव का मकसद कचरे का सही ढंग से इस्तेमाल करना था। पीएम के मन की बात में आम जनता भी अपने विचार और सुझावों को साझा करते हैं। देशभर से लोग अपने विचार को पीएम को भेजते हैं। प्रधानमंत्री लोगों से सीधी संवाद स्थापित करते हैं। गौरतलब है कि अपनी आखिरी मन की बात में पीएम ने महिलाओं के मुद्दे को उठाया था इसके साथ पीएम ने क्रिसमस और नए साल के देशवासियों को बधाई दी थी।
नारियों ने अपने आत्मबल से खुद को आत्मनिर्भर बनाया। पहले पुरुषों की पहचान नारियों से होती थी। नारी का समग्र विकास, सशक्त नारी ही न्यू इंडिया है। आर्थिक समाजिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी हम सबकी जिम्मेदारी मन की बात का रेडियो के अलावा सभी न्यूज चैनल पर इसका प्रसारण किया जाता है। रेडियो के अन्य स्टेशनों पर इसका स्थानीय भाषाओं में प्रसारण किया जाता है, जिसे पीएम की बातों को सारी जनता आसानी से समझ सके। हालांकि मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी के निधन के चलते मन की बात का प्रसारण टीवी चैनल्स पर नहीं किया गया। अपनी आखिरी मन की बात में पीएम ने नारी शक्ति का बखान किया था। उन्होंने नारी शक्ति का अभिनंदन किया था।
प्रधानमंत्री ने समाज में नारी के स्थान, योगदान और सम्मान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा था हम आज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं लेकिन सदियों पहले हमारे शास्त्रों में नारी शक्ति को स्वीकार किया गया है और एक बेटी को दस बेटों के बराबर बताया गया है। उन्होंने लक्ष्मी, सुभाषिनी और अरविंद का भी जिक्र किया था। पीएण इस दौरान पद्म पुरस्कार में किए गए बदलावों के बारे में बताया था। पीएम ने कहा कि हमारे स्कंद पुराण में कहा गया है, ‘दस पुत्रम समा कन्या.’ मतलब एक बेटी 10 बेटों के बराबर होती है। हमारे समाज में नारी को शक्ति का दर्जा दिया गया है। पीएम ने कहा कि शक्तिकरण आत्मनिर्भरता का ही एक रूप है। पीएम ने देश की तीन बहादुर महिलाओं भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी का जिक्र किया, जो फाइटर पायलट बनी हैं और सुखोई 30 में ट्रेनिंग ले रही हैं।