नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोयला उद्दोग में कमर्शियल माइनिंग को हरी झंडी दिखा दी है। वहीं सरकार के इस आदेश का श्रमिक संगठनों ने विरोध किया है। आपको बता दें कि कैबिनेट बैठक में कमार्शियल माइनिंग को मंजूरी देते हुए कोयला खनन क्षेत्र में निजी कंपनियों के लिए रास्ते खोल दिए हैं। जहां सरकार के इस फैसले से ट्रेड यूनियनों को झटका लगा है तो वहीं श्रमिक संगठनों ने इसका विरोध किया है। मालूम हो कि ट्रेड यूनियन पहले से ही सरकार की इस कोशिश का विरोध कर रहा था, लेकिन सरकार ने विरोध के बावजूद योजना को पूरी तरह से अमलीजामा पहना दिया।
कमर्शियल माइनिंग को मंजूरी मिलने से मजदूर संगठनों कड़ी नाराजगी जताई है और संगठनों ने इसका विरोध करने के लिए सरकार को चेतावनी दी है। दूसरी तरफ कोयला खनन क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग को लेकर कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने ऐलान करते हुए इसके कई फायदे गिनाए हैं और साथ ही इसे कोल क्षेत्र के लिए नई क्रांति करार दिया है। मंत्री का कहना है कि आज से पहले कोयला खनन कंपनियां कैप्टिव या फिर निजी इस्तेमाल के लिए पावर जेनरेशन के लिए ऑक्शन में हिस्सा लेती थी, लेकिन अब वे ई-आक्शन में भी भाग लेकर प्राइवेट,डॉमेस्टिक और ग्लोबाल खनन कंपनियों को बेच सकेगा। बताते चलें कि कोयला उद्याेग का राष्ट्रीयकरण साल 1973 में हुआ था।