जयपुर। राजस्थान इन दिनों स्वाइन फ्लू के प्रकोप से जूझ रहा है और इस प्रकोप के चलते सरकारी मशीनरी पूरी तरह से फेल हो चुकी है। बता दें कि साल 2018 के जुम्मा-जुम्मा अभी दो महीने ही बीते हैं और राज्य में इन दो महीनों के अंदर ही स्वाइन फ्लू से 88 लोगों की मौत हो गई है। वहीं अब तक 976 लोग जांच में इस बीमारी के विषाणु से संक्रमित पाए गए हैं। स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामले से राज्य में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर कहा था कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू बहुत तेजी से फैल रहा है।
स्वाइन फ्लू के राज्य में बढ़ते प्रकोप के चलते स्वास्थ्य विभाग ने बैठक बुलाई थी और बीमारी को रोक पाने में असफल रहने के कारणों पर विचार-विमर्श किया था। रेड अलर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। विभाग ने स्वाइन फ्लू प्रभावित राज्य के इलाकों में कई टीमें रवाना की गई हैं ताकि इस बीमारी पर काबू पाया जा सके।
स्वास्थ्य कार्यकर्ता मरीजों के प्रभाव में आने वाले उन लोगों को भी दवाएं दे रहे हैं जिनके अंदर फ्लू के लक्षण हैं। स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाए गए हैं। बता दें कि जनवरी 2017 में राज्य में स्वाइन फ्लू से मौत का केवल एक मामला सामने आया था जबकि जनवरी 2016 में 19 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2015 में स्वाइन फ्लू के कुल 173 मामले पॉजिटिव पाए गए थे और 43 लोगों की मौत हो गई थी।