चंडीगढ़। पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार ने राज्य में राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को सही ढ्ढरे पर लाने और नए कानून बनाने के लिए छह सदस्यीय वाले नए राजस्व विभाग का गठन किया है। सरकार ने सेवानिवृत्त जस्टिस एसएस सारों को आयोग का चेयरमैन बनाया है। इसके अलावा सरकार ने सदस्य के तौर पर इसमें रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारटी के एनएस कंग, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के अर्थशास्त्र विभाग के डाक्टर एसएस गिल, पूर्व पीसीएस अधिकारी जसवंत सिंह और स्टेट कोओपरेटिव बैंक के पूर्व एमडी जीएस मांगट सदस्य बनाया है। वहीं पंजाब भूमि रिकार्ड सोसायटी के सलाहकार एनएस संघा इसके सदस्य सचिव होंगे।
राजस्व आयोग बनाए जाने को लेकर पंजाब सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव(राजस्व), पंजाब भूमिक रिकार्ड सोसायटी इस कमिशन को सचिवीय सहायता मुहैया करवाएगी और राजस्व विभाग प्रदेश सरकार के सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को आयोग के कार्य में मदद करेगा। सरकार ने फिलहाल आयोग को एक साल के लिए बनाया है और जरूरत पढ़ने पर इसकी समयसीमा बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा है। आयोग राजस्व विभाग से लोगों की उम्मीदें व मौजूदा कार्यप्रणाली का जायजा लेने के बाद उनमें संशोधन की रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंपेगा।
आयोग पंजाब भूमि राजस्व एक्ट 1887, पंजाब काश्तकार एक्ट 1887, पंजाब भूमि सुधार एक्ट, 1972 और अन्य संबंधित ऐक्टोंं और मैनूअल्स की स्टडी करने के बाद इनमें संशोधन करके नए कानून बनाने पर भी अपने प्रस्ताव सरकार को देगा। आयोग की सिफारिश के अनुसार मौजूदा कानूनों में परिवर्तन को सरकार क्लीन चिट देगी। आयोग को सरकार ने यह अधिकार भी दिए हैं कि खेती व औद्योगिक प्रयोग को लेकर जमीन की पैदा हो रही जरूरतों के मद्देनजर नया एक्ट भी बनाने को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करे।आयोग सरकारी ज़मीन का डिस्पोज़ल व प्रयोग संबंधित मौजूदा नीतियों का भी जायज़ा लेगा। इ