चंडीगढ़। पंजाब सरकार के तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का हमेशा विवादों से नाता रहा है। वहीं एक बार फिर उनका नाम विवाद में शामिल हो गया है। ताजा मामला आईटीआई पटियाला में खाली पदों को भरने को लेकर है, जिसमें उन्होंने सिक्का उछालकर लेक्चरर के एक पद के लिए आए दो आवेदनों का फैसला किया। चन्नी के इस तरह खाली पद भरने को लेकर विपक्ष ने उनपर करारा हमला बोला है। एक तरफ विपक्ष ने पंजाब सरकार पर निशाना साधा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेता चन्नी के समर्थन में उतर आए हैं। दरअसल पटियाला हाउस में खाली पड़े लेक्चरर के एक पद को लेकर दो उम्मीदवार आमने सामने आ गए थे।
इसके बाद जब ये मामला चन्नी के समक्ष आया तो उन्होंने पहले आपस में बात करके मामले को सुलझाने को कहा, लेकिन जब वे फैसला नहीं कर पाए तो मंत्री जी ने सिक्का उछाल कर उनकी किस्मत का फैसला किया। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल हो रहा है। आम आदमी पार्टी के विधायक और नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा ने चन्नी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इससे कैप्टन सरकार के मंत्रियों की फैसला लेने की क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है। क्या सरकार अब सिक्का उछाल कर फैसला करेगी? ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया।
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री तरुण चुघ ने कहा कि आज दो उम्मीदवार थे तो मंत्री ने सिक्का उछाल दिया। कल अगर चार उम्मीदवार होंगे तो क्या मंत्री शतरंज या कैरम खिलवाएंगे? मंत्री का ये तरीका निंदनीय है। दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक और पार्टी प्रवक्ता राजकुमार वेरका ने मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अगर दो उम्मीदवार आपस में फैसला नहीं ले पा रहे थे तो मंत्री ने सिक्का उछाल कर फैसला कर दिया, इसमें गलत क्या है। विपक्ष बिना वजह इसे मुद्दा बना रहा है।तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि 37 में से 35 लेक्चररों में से सिर्फ दो का केस पटियाला में मनपसंद पोस्टिंग को लेकर फंस गया।
पटियाला में एक ही सीट खाली होने के कारण दोनों लेक्चररों को आपसी सहमति से फैसला करने को कहा लेकिन वे सहमत नहींं हुए। एक लेक्चरर की अकादमिक योग्यता ज्यादा थी जबकि दूसरे का तजुर्बा ज्यादा था। दोनों ने सुझाव दिया कि उनकी पोस्टिंग टॉस से कर दी जाए। सभी के सामने और सहमति से ऐसा किया गया। सारी पोस्टिंग पारदर्शी तरीके से की गई।तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह इससे पहले टोटकों को लेकर भी चर्चा में रह चुके हैं। कैबिनेट फेरबदल में अच्छा विभाग के चक्कर में वे हाथी पर सवार हुए थे।