नई दिल्ली। गुरूवार को वित्त मंत्री अरूण जेटली संसद भारत का आम बजट पेश करने जा रहे हैं। बता दें कि बजट पेश करना सिर्फ संसद में भाषण देना ही नहीं होता है। इसके साथ ही वित्त मंत्री को कई अन्य कार्य भी करने पड़ते हैं और कई दस्तावेज पेश करने होते हैं। आइए जानते हैं जेटली भाषण के साथ संसद में कौन-कौन से दस्तावेज पेश करेंगे वार्षिक वित्तीय विवरण वार्षिक वित्तीय विवरण अनुच्छेद 112 पर आधारित एक दस्ता वेज है, जिसमें साल आगामी साल के अनुमानों और पिछले साल के वास्तविक खर्चे के बारे में बताया जाता है। यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है।
बता दें कि डिमांड ऑन ग्रांट इसका अनुच्छेद 113 में उल्लेख है और इसमें वार्षिक वित्तीय विवरण में लिखे गए संचित निधि से किए जाने वाले खर्चों के बारे में अनुदान मांगों के रूप में दर्ज किया जाता है। यह लोकसभा में प्रस्तुत किया जाता है। विनियोग विधेयक संविधान के अनुच्छेद 114(3) के अंतर्गत संसद की ओर से कोई भी कानून बनाए बिना संचित निधि से पैसे नहीं निकाले जा सकते। लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद स्वीकृत राशियों को निकालने की संसद की स्वीकृति विनियोग विधेयक के माध्यम से मांगी जाती है।
वहीं वित्त विधेयक वार्षिक वित्तीय विवरण प्रस्तुत करते समय वित्त विधेयक भी प्रस्तुत किया जाता है। इसमें बजट में प्रस्तावित कर लगाने, हटाने, माफ करने, विनियमन का ब्यौरा होता है। इसमें बजट संबंधी अन्य उपबंध भी होते हैं, जिन्हें धन विधेयक के रुप में वर्गीकृत किया जा सकता है। इस धन विधेयक कहा जाता है। वित्त विधेयक में प्रावधान की व्याख्या का ज्ञापन इसमें वित्त विधेयक में निहित करों के समझाया जाता है और इसमें प्रावधानों और उसके प्रभावों का भी उल्लेख होता है।
साथ ही आर्थिक रुपरेखा विवरण- वृहत आर्थिक रुपरेखा विवरण, बजट प्रबंधन अधिनियम 2003 की धारा और इसके तहत बनाए गए नियमों को संसद में प्रस्तुत किया जाता है। इमें अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी की संभावनाओं का मूल्यांकन शामिल होता है। कार्य योजना विवरण- राजकोषीय नीति कार्ययोजना विवरण संसद में पेश किया जाता है। इसमें मौजूदा वित्तीय साल के लिए टैक, खर्चा, उधार लेने और निवेश करने आदि सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं की रूपरेखा दी जाती है। परिणाम बजट- पहले निष्पादन बजट और परिणाम बजट को अलग अलग पेश किया जाता है और अब सिर्फ परिणाम बजट पेश किया जाता है। इसे नीति आयोग के सहयोग से पेश किया जाता है।
बता दें कि मध्याविक राजकोषीय नीतीगत कार्य योजना विवरण- इसमें जीडीपी के संबंध में बाजार मूल्यों पर पांच विशेष राजकोषीय संकेतकों जैसे घाटा, कर अनुपात आदि के बारे में लिखा होता है। मध्याविक व्यय ढांचा विवरण- यग विवरण अनुमानो, जोखिमों को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए व्यय संकेतकों के लिए तीन साल के लक्ष्य निर्धारित रहते हैं। इसे मानसून सत्र में अलग से पेश किया जाता है। बजट की विशेषताओं का विवरण- इस वजट में बजट को लेकर कई जानकारी लिखी होती है और यह हर क्षेत्र के अनुसार जारी की जाती है। इसके लिए कई व्याख्तात्मक दस्तावेज पेश किए जाते हैं, इसमें व्यय की रुपरेखा, व्यय बजट, प्राप्ति बजट आदि होते हैं।