लखनऊ। विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवीन्द्र नारायण सिंह ने मंगलवार को कहा कि हिन्दुओं को संगठित करने उनकी रक्षा करने और हिन्दू समाज की सेवा करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दू परिषद का गठन किया गया था। स्थापना के 56 वर्षों बाद भी विहिप अपने उद्देश्य से भटकी नहीं है। वह श्रीराम भवन स्थित विहिप के प्रदेश कार्यालय पर आयोजित विहिप के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
विहिप के अध्यक्ष ने कहा कि विहिप देशभर में सेवा कार्याें का संचालन करती है। इसके लिए परिषद की ओर से सेवा विभाग का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना के पहली लहर के दौरान बड़े पैमाने पर विहिप के कार्यकर्ताओं ने समाज की सेवा की थी। उन्होंने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए भी संगठन के कार्यकर्ता लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
पद्मश्री डा. आर.एन. सिंह ने कहा कि स्वातंत्र के पश्चात् यह इच्छा स्वाभाविक थी कि भारत अपनी वैश्विक भूमिका निर्धारित करे। लेकिन हिन्दू समाज पराधीनता के काल में अपना स्वाभिमान और गौरव भूल गया था। संतों के नेतृत्व में विहिप ने इस दिशा में प्रयास किया।
धर्मान्तरण पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने इसपर केन्द्रीय कानून बनाने की मांग की। इस मौके पर विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह, प्रान्त संगठन मंत्री राजेश सिंह, विहिप के प्रान्तीय मंत्री देवेन्द्र समेत तमाम कार्यकर्ता उपस्थित थे।