सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन देश के प्रतिष्ठित कला संगठन “इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र” (आईजीएनसीए) ने कला तथा संस्कृति और संबंधित विषयों में 5 डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए। आपको बता दे कि संस्थान ने 6 नए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम भी शुरू करने का निर्णय लिया है।गौरतलब है कि पाठ्यक्रमों का मूल उद्देश्य सभी आयामों के साथ कला और संस्कृति सृजन करना है।
विषय- वस्तुः खोज प्रणाली की डिजाइन विकसित करने की सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग है। इसमें वांछित उद्देश्यों को हासिल करने के लिए आधुनिक डिजीटल उपाय तथा तकनीकी तौर-तरीके हैं। इस पहल का प्रयास हमारे प्राचीन ज्ञान और उपलब्धियों को मल्टी मीडिया प्लेटफोर्म पर सुगम बनाना है।
शैक्षणिक वर्ष 2018-19 में एक वर्ष के 5 स्नातकोत्तर डिप्लोमा, सांध्य पाठ्यक्रमों का उद्देश्य लोगों को भारतीय कला के प्रति आकर्षित करनाहै। और संबंधित क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव शक्ति को प्रोत्साहन देना है।
इसरो’ ने अंतरिक्ष यात्री बचाव प्रणाली की श्रृंखला में योग्य होने के लिए मुख्य प्रौद्योगिकी प्रदर्शन किया
पाठ्यक्रम-कल्चरस इंफोर्मेटिक्स में पीजी डिप्लोमा,प्रीवेंटिव कंजर्वेशन में पीजी डिप्लोमा,बौद्ध अध्ययन में पीजी डिप्लोमा,डिजीटल लाइब्रेरी तथा डाटा प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा,पांडुलिपि विज्ञान तथा पुरातत्व पीजी डिप्लोमा
पांच डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए इच्छुक उम्मीदवार 10 जुलाई, 2018 से पहले आवेदन कर सकते हैं। पाठ्यक्रम का फीस ढांचा अधिकारिक वेबसाइट http://ignca.gov.in/pg-diploma-course-at-ignca/ पर देखा जा सकता है।
उक्त पाठ्यक्रमों के अलावा आईजीएनसीए शीघ्र ही 6 नए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम भी शुरू करेगा।
एकेडमिक इंटेग्रिटी एंड रिसर्च एथिक्स,ओपन एक्सेस फॉर लाइब्रेरी एंड इंर्फोमेशन सांइस प्रोफेशनल्स,ओपन एक्सेस फॉर रिसर्चस,डिजीटल लाइब्रेरी एंड इंर्फोमेशन मैंजमेंट,रिसर्च मेथोडोलॉजी,सिनेमा स्टडीज एंड कल्चर डाक्यूमेंटेशन
बताए गए पाठ्यक्रम विद्वानों, शोधकर्ताओं तथा विद्यार्थियों को आधुनिक प्रबंधन तकनीक तथा पेशेवर दृष्टिकोण उपलब्ध कराएंगे। अपको बता दें कि अभी तक कला प्रबंधन क्षेत्र में इसकी कमी थी।जाहिर है कि पाठ्यक्रम ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर देश की कला और सांस्कृतिक विरासत पेश करेंगे।