नैनीताल।राज्य में फार्मासिस्टों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग में डेढ़ सौ फार्मासिस्टों की नियुक्ति के रास्ते को साफ कर दिया है। हाई कोर्ट ने एक अभ्यर्थी के साथ ही सरकार की विशेष अपील स्वीकार करते हुए दो साल पहले दिए एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया है। एकल पीठ ने मेरिट के आधार पर नियुक्ति करने तथा वैटनरी डिप्लोमा होल्डर को भी इसमें शामिल करने के आदेश दिए थे।
इस बावत मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसेफ व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने स्पेशल अपील को स्वीकार करते हुए एकल पीठ का आदेश निरस्त कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से पशुपालन विभाग में डेढ़ सौ फार्मासिस्टों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। आपको बता दें कि इसके लिए एक याचिकादायर की गई थी, यह याचिका अभ्यर्थी कमल किशोर जोशी और अन्य कई लोगों की तरफ से दायर की गई थी।
इस याचिका के तहत यह कहा गया है कि फार्मासिस्ट नियमावली के अनुसार डिप्लोमा होल्डर ज्येष्ठता के आधार पर वैटनरी फार्मासिस्ट के पद पर नियुक्ति के अधिकारी हैं जिसके पास डिप्लोमा नहीं है और डिग्री है, वह नियुक्ति के पात्र नहीं हैं। इस विषय पर बोलते हुए मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी ने एकल पीठ के मेरिट के आधार पर व वैटनरी डिप्लोमा होल्डरों को शामिल करने का विरोध करते हुए कहा कि राज्य में वैटनरी काउंसिल का गठन नहीं है।