नई दिल्ली। सरकार की तरफ से लगातार नोटबंदी को लेकर कहा जाता रहा है कि इसके भविष्य में दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। अब एकबार फिर से वित्तमंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि नोटबंदी के बाद से अब कर में बढ़ोत्तरी होगी। वित्त मंत्रालय ने लोक लेखा समिति को लिखित जवाब में कहा है कि नोटबंदी से कर का दायरा बढ़ेगा और ब्याज दरें कम होंगी जिससे टिकाऊ और तीव्र आर्थिक विकास होगा।
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत राजस्व विभाग ने कहा है कि बड़े नोटों को बंद करने से बेकार पड़ी और छिपाकर रखी गयी नकदी बैंकों में आयी है जिसका आगे सृजनात्मक प्रयोग होगा। बैंकों के पास धन की उपलब्धता बढ़ने से ब्याज दरें कम होंगी और ऋण सस्ता होगा जिससे आर्थिक गतिविधियां में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। विभाग ने कहा कि जो नकदी बैंकों में लौटी है, उस पर नजर रखना आसान है, अतरू इससे कर चोरी अधिक कठिन होगी।
सूत्रों के अनुसार कहा नोटबंदी के अप्रत्यक्ष प्रभावों का भी इसमें जिक्र किया गया है जिसमें गैर-नकदी लेन-देन और लेन-देन में पारदर्शिता और कर विस्तार शामिल है। गौरतलब है कि संसद की लोक लेखा समिति ने नोटबंदी के मुद्दे पर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल से पूछताछ की है।