लखनऊ। सूबे की योगी सरकार इन दिनों माफियाओं और बाहुबलियों के पीछे पड़ी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी कुर्सी संभालते ही साफ कर दिया था, कि प्रदेश में किसी तरह की अराजकता वे बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं। इसके के लिए सूबे के पुलिस महकमें के साथ सूबे में कानून व्यवस्था के अनुपालन में सख्ती लाने का काम करने के लिए अधिकारियों के पेंच भी कसे थे । इसी क्रम में एक के बाद एक बाहुबली नेताओं पर नकेल कसी जा रही है।
इसकी जद में सबसे पहले माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद आये फिलहाल अतीक अब जेल में बंद है। तो वहीं अब दूसरा नाम विजय मिश्रा का का रहा है। योगी सरकार की विजय मिश्रा पर टेढी नजर है। इलाहाबाद के इन दो चर्चित माफियों पर नकेल कसी जा रही है। अतीक को सरकार पहले ही जेल भेज चुकी है। अब विजय मिश्रा की तैयारी कर रही है। इसी क्रम में विजय मिश्रा के दो घरों को सील भी किया गया है। भदोही जिले में विजय मिश्रा मौजूदा समय में विधायक है। पिछली सरकार में राज्यमंत्री भी थे। चुनाव के समय सपा का साथ छोड़ दिया था। क्योंकि अखिलेश ने उन्हे उनकी छवि के चलते टिकट की लिस्ट से बाहर कर दिया था। जिसके बाद उन्होने निषाद पार्टी के सहारे अपनी चुनावी गणित साधी थी।
अब योगी सरकार ऐसे बाहुबलियों पर नकेल कस रही है। इसी क्रम में प्रशासन और पुलिस की साझा कार्रवाई में विजय मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। विजय मिश्रा पर 2009 से गैगस्टर लगा है। जिसके बाद वो में हाजिर नहीं हो रहे थे। सत्ता की हनक के चलते बच रहे विजय मिश्रा के घर और संपत्तियों को सील कर दिया गया है। इससे पहले भी विजय मिश्रा का घर कुर्क किया गया था। लेकिन सत्ता की हनक में विजय मिश्रा ने कोर्ट की मंजूरी मिले बिना ही सील तोड़ दी थी। इस कार्रवाई के बाद विधायक विजय मिश्रा का किसी से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। पुलिस से लेकर प्रशासन तक को उनके बारे में कोई अपडेट नहीं है।