नई दिल्ली: राफेल मुद्दा पर बहस और जांच की मांग खत्म होने का नाम नहीं ले रही। विपक्षी पार्टियां इसी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर वार कर रहीं हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ नेताओं ने पुनर्विचार याचिका दायर की गयी है। यह पुनर्विचार याचिका पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने14 दिसंबर को सुनाया था फैसला
आपको बता दें कि राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने14 दिसंबर को एक फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार को राहत दी थी। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने की थी। हाल ही में दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि राफेल मामले पर फैसला केंद्र की ओर से बिना हस्ताक्षर के कोर्ट को सौंपे गए नोट में किए गए स्पष्ट तौर पर गलत दावों पर आधारित है।
जांच वाली याचिकाओं को किया था खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर फ्रांस के साथ हुए सौदे की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा था कि प्रक्रिया में विशेष कमी नहीं रही है और केंद्र के 36 विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाना सही नहीं है। न्यायालय का कहना था कि विमान की क्षमता में कोई कमी नहीं है।
न्यायमूर्ती रंजन गोगोई ने कहा था कि ऑफसेट पार्टनर और व्यक्तियों की धारणा का चयन करने में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। यह रक्षा खरीद के संवेदनशील मुद्दे में पूछताछ का कारण नहीं हो सकता है। हम 126 एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए सरकार को मजबूर नहीं कर सकते हैं और अदालत के लिए इस मामले के हर पहलू की जांच करने के लिए उचित नहीं है। मूल्य निर्धारण विवरण की तुलना करना अदालत का काम नहीं है।