अफगानिस्तान में चल रहे तालिबानियों के अत्याचार के बीच भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दिकी की हत्या कर दी गई है। बता दें दानिश अफ़गानिस्तान में मौजूदा हालात को कवर करने के लिए पिछले कुछ दिनों से वहां डटे हुए थे।
पहले भी हुआ था हमला
दरअसल भारतीय पत्रकार पर इससे पहले भी हमला हुआ था, तब वो उस हमले में बच गए थे। हमले का एक वीडियो सामने आया है जिसमें तालिबान ने दानिश पर अटैक किया था। वहीं हत्या से कुछ ही दिन पहले दानिश सिद्दिकी ने खुद ये वीडियो शेयर किया था।
THREAD.
Afghan Special Forces, the elite fighters are on various frontlines across the country. I tagged along with these young men for some missions. Here is what happened in Kandahar today while they were on a rescue mission after spending the whole night on a combat mission. pic.twitter.com/HMTbOOtDqN— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) July 13, 2021
13 जून को ट्वीट कर दी थी जानकारी
दानिश सिद्धीकी ने 13 जून को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वो जिस वाहन में सवार थे, उसपर हमला किया गया। उन्होंने लिखा था मेरी किस्मत अच्छी रही कि मैं सुरक्षित बच गया। अपने हैंडल के जरिए दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान से कई तरह के जीवन को एक साथ दिखाने की कोशिश में लगे हुए थे।
The Humvee in which I was travelling with other special forces was also targeted by at least 3 RPG rounds and other weapons. I was lucky to be safe and capture the visual of one of the rockets hitting the armour plate overhead. pic.twitter.com/wipJmmtupp
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) July 13, 2021
स्पिन बोल्डक में झड़प के दौरान हत्या
बताया जा रहा है कि दानिश की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके में झड़प के दौरान हुई। बीते कुछ दिनों से दानिश सिद्दिकी कंधार में जारी हालात की कवरेज कर रहे थे। दानिश सिद्दीकी की गिनती दुनिया के टॉप फोटो जर्नलिस्ट में होती थी। वो मौजूदा वक्त में अंतरराष्ट्रीय एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करते थे और अफगानिस्तान में जारी हिंसा के कवरेज के लिए गए थे।
जीता था पुलित्जर पुरस्कार
दानिश सिद्दीकी साल 2018 में अपने सहयोगी अदनान आबिदी के साथ पुलित्जर पुरस्कार जीत चुके हैं। उस समय वो पुलित्जर पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। दानिश ने रोहिंग्या शरणार्थी संकट को भी कवर किया था।