सबसे पहले इंदिरा ने सयुक्त राष्ट्र संघ में दिया था प्रस्ताव
भारत की ओर सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से पर्यावरण को लेकर बिगड़ते हालतों और सुधार संरक्षण की आवश्यकता का एक विस्तृत खाका संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने रखा गया था। अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता के नजर से भारत की ओर से पहला कदम माना गया है।
इसीलिए ये दिन भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इस दिवस की शुरूआत की देन भारत ही रहा है। पहली बार 1973 में इंदिरा गांधी ने कुछ ऐसे प्रस्ताव दिए थे जिसके चलते हर पहले धरती विषय़ के साथ मनाया गया। इसके बाद फिर 1974 से हर देश इस विश्वपर्यावरण दिवस की मेजबानी करने लगा था।
पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने की लोगों को नसीहत
पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर इस दिवस को लेकर लोगों से अपील करते हुए कहा कि एक दिन पर्यावरण के नाम पर निकाल देने से बदलाव नहीं आ सकता। बदलाव ना पेरिस में हुई पर्यांवरण को लेकर बैठक ला सकती है। ना ही कोई कानून बदलाव हमें और आपको लाना होगा। जब तक हम और आप अपने पर्यावरण के लिए जागरूक नहीं है।
तब तक पर्यावरण दिवस सार्थक नहीं है। हमें अपने पर्यावरण के संरक्षित करने के लिए अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना होगा। इस दिवस में पर्यावरण और वन मंत्रालय लगातार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। लेकिन अब हमें भी खुद से इस मामले में जागरूक होना पड़ेगा। अगर हम आज ना जगे तो परिणाम गम्भीर हो सकते हैं।
अजस्र पीयूष