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यूपी न्यूज: योगी सरकार की इस ‘प्रेरणा’ से गांव के बच्चे बनेंगे काबिल, शिक्षकों को करना होगा यह खास काम

यूपी न्यूज: योगी सरकार की इस ‘प्रेरणा’ से गांव के बच्चे बनेंगे काबिल, शिक्षकों को करना होगा यह खास काम

लखनऊ: प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और उसने व्यापक सुधारों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई दिशा निर्देश जारी किए। इसके साथ ही बच्चों में आधारभूत लर्निंग कौशल और सही मार्गदर्शन पर विशेष ध्यान देने की योजना है। इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिशन प्रेरणा का फ्लैगशिप कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बीच आधारभूत लर्निंग के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है। इस कार्यक्रम में कक्षा एक से कक्षा 5 तक के सभी छात्र छात्राएं शामिल हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने की डेडलाइन मार्च 2022 रखी गई है।

कोरोना का पड़ा कार्यक्रम पर असर
इस कार्यक्रम की सभी बेसिक रणनीति बना ली गई है, लेकिन कोरोनावायरस के प्रभाव का असर इस पर भी पड़ा। स्कूल काफी समय से बंद होने के कारण छात्रों से सही संपर्क नहीं बंध पाया। यह 100 दिन तक चलने वाला अभियान ‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव’ की तरह आयोजित किया जाएगा। बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना और उससे जुड़ी कई गतिविधियों का संचालन इस अभियान के माध्यम से किया जाएगा। विद्यालय खुलने के प्रथम दिवस से यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और अगले 100 दिनों तक चलेगी।

मिशन प्रेरणा ई-पाठशाला के तहत होगा संचालन
कोविड महामारी की समस्या को देखते हुए इस पूरे कार्यक्रम का संचालन डिजिटल तरीके से होगा। ई पाठशाला के माध्यम से प्रत्येक कक्षा और विषय को मासिक पंचांग के अनुसार बांटा गया है। इन सभी को कक्षावार एवं विषयवार तरीके से जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। यह सभी जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सप्ताह के प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को शिक्षकों से साझा की जाएगी।

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इसके साथ ही शिक्षक और अध्यापक के बीच उचित तालमेल को भी बिठाने का प्रयास किया जा रहा है। बच्चों को अध्ययन सामग्री का सही फायदा मिले, इसके लिए अभिभावकों की भी अहम भूमिका होगी। अभिभावकों से विद्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप और शिक्षकों से जुड़ने की अपील होगी। इसके साथ हो दूरदर्शन पर प्रसारित शिक्षक सामग्री को भी बच्चों तक पहुंचाने का काम सौंपा जाएगा। ‘दीक्षा एप’ के बारे में भाई लोगों को जानकारी दी जानी है।

रिमेडियल टीचिंग के माध्यम से होगा बच्चों का आकलन
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने इस पर अधिक जानकारी देते हुए कहा कि ‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान’ में रिमेडियल टीचिंग प्लान को शामिल किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 100 दिन का कार्यक्रम पूरा होने के बाद बच्चों का अंतिम आकलन होगा। जिसके आधार पर रिपोर्ट कार्ड विद्यालय के द्वारा तैयार किया जाएगा। बाद में यह रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों की उपस्थिति में छात्रों को वितरित किया जाना है।

बैठक में बनेगी पूरी कार्य योजना
इस पूरे अभियान को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए शिक्षा विभाग सारी तैयारी कर रहा है। अभियान के प्रारंभ में पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी सभी प्रधानाध्यापकों से बातचीत करेंगे। इसके अलावा चौपाल के माध्यम से इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। इन चौपालों का आयोजन विद्यालय के द्वारा प्रत्येक गांव और मोहल्लों में किया जाएगा। जिससे इस कार्यक्रम के बारे में सभी लोग पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें।

जिला अधिकारी की अध्यक्षता में बनेगी टास्क फोर्स
इस कार्यक्रम में छोटे से लेकर बड़े सभी अधिकारियों का अहम योगदान है। इसीलिए जिला स्तर पर एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। जिसकी अध्यक्षता जिला अधिकारी करेंगे एवं विकासखंड के स्तर पर टास्क फोर्स को उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संचालित किया जाएगा। इसके साथ ही जनपद एवं विकास खंड स्तर पर अधिकारियों और शिक्षकों को गांव में आयोजित चौपाल में प्रतिभाग करना जरूरी होगा। इस पूरे अभियान में अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाएगा। साथ ही कार्यक्रम को सही तरीके से संपन्न करने के लिए अभिभावकों, मीडिया और अन्य जनप्रतिनिधियों की भी सहायता ली जाएगी।

चौपाल में कई विषयों पर होगी चर्चा
गांव-गांव में आयोजित चौपाल का मुख्य उद्देश्य इस अभियान को सफल बनाना है। लोगों की समस्याओं का समाधान करना और उन्हें जागरूक करना पहली प्राथमिकता होगी। इसके साथ ही अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, शैक्षणिक गृह कार्य पूरा करवाने और बच्चों को लिखित कार्य का भी अभ्यास करवाने जैसे विषयों पर बात की जाएगी। प्रेरणा ज्ञानोत्सव की प्रत्येक चौपाल में एआरपी अथवा शिक्षक संकुल की प्रतिभागिता को अनिवार्य किया जाएगा। बेहतर परिणाम को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों में शिक्षकों के द्वारा अभिभावकों को छोटे-छोटे समूहों में बुलाकर जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रेरणा ज्ञानोत्सव आयोजित किए जाने से संबंधित शासनादेश को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के द्वारा सभी जनपदों के जिला अधिकारियों को भेजा गया है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि यह अभियान पूरी तरह से सफल हो। इसीलिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, ए आर पी/ए आर जी सभी इसे सुनिश्चित करेंगे।

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