featured भारत खबर विशेष

चांद पर दोबारा क्यों नहीं जा सका नासा ?, कारण जानकर आपके होश उड़ जाएंगे..

moon1 चांद पर दोबारा क्यों नहीं जा सका नासा ?, कारण जानकर आपके होश उड़ जाएंगे..

चांद पर सबसे पहले 1972 में अमेरिकी एजेंसी नासा ने इंसान को चांद पर भेजा था। जिसके बाद से आज तक कोई भी चांद पर नहीं जा सका है। यहां तक की खुद नासा भी चांद पर नहीं जा सका। जिसको लेकर कई बार सवाल उठते रहते हैं। आज हम आपको इसी कारण के बारे में बताने जा रहे हैं।

चांद पर पहली बार कदम रखने वाले इंसान ने ये बात कही थी। वो 21 जुलाई 1969 की तारीख थी और नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने चांद पर कदम रखकर इतिहास रच दिया था। इसके बाद पांच और अमेरिकी अभियान चांद पर भेजे गए।साल 1972 में चांद पर पहुंचने

moon 2 चांद पर दोबारा क्यों नहीं जा सका नासा ?, कारण जानकर आपके होश उड़ जाएंगे..

वाले यूजीन सेरनन आख़िरी अंतरिक्ष यात्री थे।लॉस एंजेलिस के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान के प्रोफेसर माइकल रिच कहते हैं, “चांद पर इंसानी मिशन भेजने में काफी खर्च आया था, जबकि इसका वैज्ञानिक फायदा कम ही हुआ।”विशेषज्ञों के मुताबिक इस मिशन में वैज्ञानिक दिलचस्पी से ज्यादा राजनीतिक कारण थे। अंतरिक्ष नियंत्रण की होड़ में ये किया गया। साल 2004 में अमरीका के तत्कालिन राष्ट्रपति डब्ल्यू जॉर्ज बुश ने ट्रंप की ही तरह इंसानी मिशन भेजने का प्रस्ताव पेश किया था। इसमें 104,000 मिलियन अमरीकी डॉलर का अनुमानित बजट बनाया गया। लेकिन भारी-भरकम बजट के चलते उस वक्त भी ये प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया।

इसके साथ ही नासा का चांद पर न जाने का एक और कारण बताया जाता है। और वो ये है कि नासा सालों से दूसरे अहम प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगा रहा है। इन सालों में नासा ने कई नए उपग्रह, बृहस्पति पर खोज, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कक्षा में लांच, अन्य आकाशगंगाओं और ग्रहों पर शोध किए हैं। नासा सालों से चांद पर दोबारा इंसानी मिशन भेजने की वकालत करता रहा है। उसने इसके लिए अभी भी कई वैज्ञानिक कारण होने की बात कही है। नासा का मानना है कि इंसान के चांद पर पहुंचने से कई नई जानकारियां मिलेंगी। बीते कुछ सालों में चांद पर जाने की दिलचस्पी बढ़ी है।

अब तक चांद पर कुल 6 मानव मिशन के जरिए 12 अंतरिक्ष यात्रियों ने कदम रखे है।चांद को छूने और उसकी सतह पर उतरने के लिए रूस ने 23 सितंबर 1958 से 9 अगस्त 1976 तक करीब 33 मिशन भेजे। इनमें से 26 फेल हो गए। वहीं, अमेरिका ने 17 अगस्त 1958 से 14 दिसंबर 1972 तक करीब 31 मिशन भेजे। इनमें से 17 फेल हो गए। यानी अमेरिका के 45.17 फीसदी मिशन को सफलता मिली. वहीं, रूस को सिर्फ 21.21 प्रतिशत सफलता मिली।

https://www.bharatkhabar.com/petrol-pumps-will-be-built-at-these-jails/
इन सभी कारणों को देखते हुए नासा क्या कोई भी देश 1972 के बाद चांद पर इंसान को नहीं भेज सका।

Related posts

संसद हमले की 20वीं बरसी आज, पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Rahul

दिल्ली में इस बार भी बिना पटाखों की मनाई जाएगी दिवाली, दिल्ली सरकार ने लगाया पटाखों प्रतिबंध

Neetu Rajbhar

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो हुए कोरोना पॉजिटिव, भारत में आंकड़ा 7 लाख के पार

Rani Naqvi