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आखिर क्यों भारतीयों को कम उम्र में हो रहे हैं हार्ट अटैक, जानें इसकी वजह

Heart Attack

भारत में कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले दिनों बढ़ते ही जा रहे हैं, अमेरिका की एक रिसर्च आर्टिकल जनरल में छपी ख़बर के मुताबिक 2015 तक 66.2  करोड़ लोगों को दिल से जुड़ी बिमारियां होने का दावा किया गया है।

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2.3करोड़ लोगों की उम्र 40 साल से कम पायी गयी

2.3करोड़ लोगों की उम्र 40 साल से कम पायी गयी। भारत के लिये ये आंपड़े चौकाने वाले हैं।और आंकड़े हर साल तेजी से रफ्तार पकड़ रहे हैं। आज भारत में अकाल मृत्यु का कारण हार्ट अटैक को देखा जा रहा है।  पहले के समय में इस बिमारी को बुर्जुगों में देखा जाता था, लेकिन अब ये धीरे-धीरे युवाओं में देखने को मिल रही है। 2005 में वैस्कुलर हेल्थ जर्नल में अध्ययन के मुताबिक, 35 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं  भारतीय समय से पहले कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी) के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और दुनिया भर में समान आयु वर्ग की आबादी की तुलना में 10 से 15 साल पहले ही मर सकते हैं।

55 साल की आयु के नीचे लगभग 50 फीसदी भारतीयों को पड़ता है  दिल का दौरा 

हृदय रोग विशेषज्ञों की मानें तो 55 साल की आयु के नीचे लगभग 50 फीसदी भारतीय दिल का दौरा पड़ने से ग्रसित हैं जबकि 25 फीसदी दिल का दौरा पड़ने का मामला 40 वर्ष से नीचे के उम्र में ये खराबजीवनशैली की वजह से देखा जाता है.  चिकित्सकों का कहना है कि व्यायाम नहीं करने के चलते शुगर, मोटापा और हाई बीपी जैसी बिमारियां दिल का दौर पड़ने का कारण हैंही तंबाकू  ने भी दिल के दौरे को बढाया है उन्होंने कहा कि हम संक्रामक रोगों को नियंत्रित कर मृत्यु दर में कमी लाने में सक्षम रहे हैं मगर खराब  जीवनशैली के कारण दिल का दौरा अकाल मृत्यु का रुप लेता जा रहा है।

20,315 Heart Attack Stock Photos, Pictures & Royalty-Free Images - iStock

 भारतीय युवाओं का दिल कमजोर हो गया है।
दिल्ली के सर गंगाराम के डॉक्टर मंचदा का कहना  है कि भारतीय युवाओं का दिल कमजोर हो गया है।  उनके कहना है कि इसका कारण हमारे नये जमाने की जीवनशैली है। देश के युवाओं की ये कुछ आदतें दिल के दौरे के लिये वो बताते हैं,  जीवन में तनाव, गलत खान-पान, कम्युटर पर देर तक काम करना। स्मोकिंग, तबांकू , शराब,और प्रदूषण।  कि एक व्यक्ति को नियमित रूप से पूर्ण लिपिड प्रोफाइल और उपवास रक्त ग्लूकोज परीक्षण से गुजरना पड़ता है, हर पांच साल में 20 से 40 के बीच और फिर सालाना 40 के बाद

बदलें अपनी जीवनशैली

सामान्य तौर पर, हमारे दैनिक आहार में चीनी, नमक और विभिन्न प्रकार के वसा के स्तर को प्रबंधित करने से भी मदद मिल सकती है। जबकि आहार में अत्यधिक चीनी और  वसा मोटापा और रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है, नमक के अत्यधिक सेवन से उच्च रक्तचाप हो सकता है, जिससे हृदय पर तनाव बढ़ जाता है जो नुकसान का कारण बनता है। तो आप भी इन  बातों का ध्यान रखें और अपनी जीवनशैली में बदलाव करें, ताकि आप भी हार्ट अटैक से बचे रहें। योग करें, खानपान को सही करें। और समय पर सोयें और समय पर उठें।

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