एजेंसी, नई दिल्ली। पहले देश में जीएसटी का लागू होना और अब उसके सिस्टम में बदलाव किया जाना सभीके लिये एक चर्चा का विषय बना हुआ है। सभी कोसोचना यह है कि अब सरकार कोई नया बखेडा ना बडा कर दे। जीएसटी लागू होने के दो साल पूरे होने के मौके पर भारत सरकार नया रिटर्न सिस्टम पेश करेगी। इनमें नया रिटर्न सिस्टम, कैश लेजर सिस्टम (नकद खाता प्रणाली) को तर्कसंगत बनाना और सिंगल रिफंड-डिस्बर्सिंग मैकनिज्म समेत दूसरी कई चीजें शामिल हो सकती हैं। सोमवार को वित्त मंत्रालय ने रिलीज जारी कर बताया कि वित्त और कार्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर सोमवार को जीएसटी से जुड़े कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
1 जुलाई से ट्रायल बेसिस पर नया रिटर्न सिस्टम लागू
बताते चलें कि मंत्रालय के मुताबिक, ‘छोटे टैक्सपेयर्स के लिए सहज और सुगम रिटर्न्स का प्रस्ताव दिया गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में GST का आना एक गेम चेंजर था। जीएसटी ने मल्टी-लेयर्ड वाले जटिल इनडायरेक्ट टैक्स ढांचे को सरल, पारदर्शी और टेक्नॉलजी फ्रेंडली बना दिया। मंत्रालय ने कहा कि 1 जुलाई से ट्रायल बेसिस पर नया रिटर्न सिस्टम लागू किया जाएगा और 1 अक्टूबर से इसे अनिवार्य कर दिया जाएगाएक नकद खाते के संदर्भ में सरकार इसे तर्कसंगत बनाते हुए 20 मदों को पांच प्रमुख मदों में शामिल करेगी। टैक्स, ब्याज, पेनल्टी, फी और दूसरी चीजों के लिए सिर्फ एक नकद बही खाता ही होगा।
गौरतल्ब है कि राज्यों की इच्छा के मुताबिक सामानों के सप्लायर्स के लिए 40 लाख रुपये की लिमिट ऑफर की गई है। 50 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले छोटे सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए कंपोजिशन स्कीम को लाया गया है। बता दें कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) को 30 जून, 2017 की मध्य रात्रि में संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित हुए एक शानदार समारोह में लागू किया गया था।
दो साल में जीएसटी सिस्टम में हुए कई बदलाव
सरकार ने कहा कि जीएसटी ने अंतर-राज्यीय ट्रेड ऐंड कॉर्मर्स के लिए बाधाओं को तोड़कर देश में एक सिंगल कॉमन मार्केट को इंटिग्रेट कर दिया है। 2 सालों के दौरान सरकार ने जीएसटी सिस्टम में कई बदलाव किए हैं।