एजेंसी, नई दिल्ली। चुनावों के बाद मायावती ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ लिया है और कहा कि उनकी पार्टी अब स्वायत्त चुनाव लड़ेगी। हालाकि अभी पुष्टि तो नहीं हुई है लेकिन अखिलेश यादव और मायावती के बयानों से साफ है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
मंगलवार को मीडिया से मायावती ने बात करते हुए कहा कि चुनाव नतीजों से साफ है कि बेस वोट भी सपा के साथ खड़ा नहीं रह सका है। कन्नौज में डिंपल यादव और फिरोजाबाद में अक्षय यादव का हार जाना हमें बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करता है। सपा की यादव बाहुल्य सीटों पर भी सपा उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं। मायावती ने गठबंधन पर कहा कि सपा का बेस वोट ही छिटक गया है तो उन्होंने बसपा को वोट कैसे दिया होगा, यह बात सोचने पर मजबूर करती है।
मायावती ने कहा कि हमने पार्टी की समीक्षा बैठक में पाया कि बसपा काडर आधारित पार्टी है और खास मकसद से सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा गया था लेकिन हमें सफलता नहीं मिल पाई है. सपा के काडर को भी बसपा की तरह किसी भी वक्त के लिए तैयार रहने की जरूरत है. इस बार के चुनाव में सपा ने यह मौका गंवा दिया है. मायावती ने कहा कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्यों को करने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं और पार्टी को मिशनरी बनाते हैं तो फिर हम आगे साथ लड़ेगे, अगर वह ऐसा नहीं कर पाते तो हमें अकेले ही चुनाव लड़ना होगा।
रिश्तों को सही से निभाने पर मिलती है कामयाबी
माया ने कहा कि चुनाव में ईवीएम की भूमिका भी ठीक नहीं पाई गई है। इससे पहले बसपा चीफ ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि यूपी में गठबंधन के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल उनका खूब सम्मान करते हैं। वह दोनों मुझे अपना बड़ा और आदर्श मानकर इज्जत देते हैं और मेरी ओर से भी उन्हें परिवार के तरह ही सम्मान दिया गया है।