लखनऊ। जनपद बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र अंन्त॔गत ग्राम कपूरपुर मे 23 मई की रात तेजराम नामक युवक को कुछ दबंगो ने गोली मार दी थी जहाँ देर से पहुची डायल 100 व स्थानीय थाने के पुलिसकर्मी ने तडप रहे युवक को ना तो जिला अस्पताल भिजवाया और ना ही किसी ग्रामीण को ले जाने की अनुमति दी जिससे तेजराम की तड़प तड़प कर मौके पर मौत हो गयी जिससे सभी ग्रामीणो मे आक्रोश फैल गया और सभी ग्रमीण एसपी को बुलाने की जिद पर अड़ गये।
बता दें कि मौके पर पहुचे पुलिस अधीक्षक सभाराज ने इस घटना की रात मीडिया से रूबरू होते हुये बताया कि कही ना कही डायल 100 की सिपाहीयो की कमी नजर आ रही है जिसके लिये जाँच के आदेश दे दिये गये है लेकिन ग्रामीणो व पुलिस के बीच हुई से झड़प व पथराव के प्रश्न के जवाब में पुलिस कप्तान ने बताया की यहां किसी ग्रामीण से न तो झड़प हुयी है और ना ही ग्रमीणो द्वारा पत्थराव किया गया है। फिलहाल कुछ दिन बाद पुलिस ने मृतक तेजराम को गोली मारने वाले अपराधियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा भी किया।
वहीं लेकिन बहराइच के पुलिस अधीक्षक सभाराज के अनुसार जब घटना स्थल पर पुलिस पर कोई पथराव नही हुआ तो उन ग्रामीणों के ऊपर मुकदमा क्यो पंजीकृत किया गया यह एक बड़ा प्रश्न है ? आप को बता दे इसी घटना के चलते पुलिस ने देवरायपुर के कुछ लोगो को नामजद करते हुये कई अज्ञात लोगो पर पथराव का आरोप लगाकर मुकदमा पंजीकृत किया है जहाँ जाँच के नाम पर पुलिस वाले किसी भी ग्रमीण को पकड़ कर थाने ले आते और बरव॔ता पूव॔क लोगो को मारते पीटते जिससे यहाँ के सभी ग्रामीण पुलिस की इस दहसत से गाँव छोड़ कर बाहर चले गये।
साथ ही देवरायपुर की रहने वाली कई महिलाओ ने जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव से मिल कर पुलिस के इस बरवर्ता पूण॔ व्यहार की निंदा करते हुये ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगायी। महिलाओ ने बताया कि पुलिस की इस दहशत से सभी ग्रामीण गाँव छोड़ कर बाहर भाग गये है जिससे महिलाये व बच्चे भूख की कगार पर आ गये है ना तो कोई राशन लाने वाला है और ना ही कोई गभ॔वती महिलाओ की देखभाल व अस्पताल ले जाने वाला है। ऐसे मे सवाल यह उठता है कि डीजीपी ओपी सिंह का जनता से मैत्रीय व्यवहार बनाये रखने का आदेश जनपद बहराइच के पुलिस थानो पर लागू क्यों नही हो रहा है?