नई दिल्ली। बिना पैसे चुकाए देश से भागने वाले किंग फिशयर एयलाइंस के मालिक विजय माल्या के खिलाफ सीबीआई ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है जिस पर आज माल्या ने अपने आप को पाक साफ बताते हुए ट्विटर पर एक के बाद एक ट्वीट किए और खुद को फुटबॉल बताया।
माल्या ने ट्विटर पर आज एक के बाद एक लगातार दो ट्वीट किए और लिखा, मीडिया खुशी-खुशी एक पिच की तरह इस्तेमाल हो रहा है और मैं एक फुटबॉल की तरह। एक दूसरी की विरोधी दो टीम यूपीए और एनडीए आपस में मैच खेल रही हैं लेकिन इस मैच का कोई रेफरी नहीं है।
Media happily being used as the pitch. I am the football. Two fiercely competitive teams NDA versus UPA playing.Unfortunately no Referees.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) February 3, 2017
अपने अगले ट्वीट में माल्या ने लिखा, मैं सीबीआई से हैरान हूं क्योंकि वो झूठे आरोप लगा रहे है। पुलिसवाले बिजनेस और इकोनॉमिक्स के बारे में ना जाने कितनी समझ रखते हैं।
Am shocked at CBI allegations.All false and misconceived to say the least What do a bunch of elite Police know about business and Economics?
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) February 3, 2017
कुछ दिन पहले सीबीआई ने चेक बाउंस होने पर विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। बता दें कि माल्या के खिलाफ 9000 करोड़ रुपये लोन लेकर उसे चुकाए बगैर विदेश भाग गए थे।
भाजपा ने लगाए थे कांग्रेस पर आरोप:-
बजट सत्र की शुरुआत से पहले भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने विजय माल्या केस में र्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर आरोप लगाए थे। पात्रा ने माल्या के साथ इन दोनों नेताओं के पत्राचार की जानकारी दी और सारी चिट्ठियां भी मीडिया के सामने पेश की थी और दावा किया था कि अभी बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिले थे, जिन्होंने माल्या को वरिष्ठ नौकरशाहों से बात करने को कहा।
पात्रा के मुताबिक, तत्कालीन प्रधानमंत्री को माल्या ने पहली चिट्ठी 4 अक्टूबर 2011 को और दूसरी चिट्ठी 22 नवम्बर 2011 को लिखी, जबकि तत्कालीन वित्तमंत्री को माल्या ने 21 मार्च 2013 और 22 मार्च 2013 को दो चिट्ठियां लिखीं। संबित पात्रा ने कहा, श्4 अक्टूबर 2011 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखी अपनी पहली चिट्ठी में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस को मदद करने पर खुशी जाहिर की। माल्या ने पत्र में तत्कालीन प्रधानमंत्री को कहा कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइन की मदद की, इस बात की उन्हें बेहद खुशी है।