नई दिल्ली। सीबीएसई बोर्ड की परिक्षा में ज्यादा से ज्यादा नंबर देने की नीति को जारी रखने का जो दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला लिया है उससे परीक्षा में इस बार देरी हो सकती है। इस पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है। इसलिए इस मुद्दे पर मंत्रलय कानूनी राय ले रहा है।
बता दें कि बोर्ड ने कठिन प्रश्नों के बदले 15 प्रतिशत अंक देने की नीति को इस साल से खत्म कर दिया गया था। जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई के उस फैसले पर रोक लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मुद्दे पर सीबीएसई के चैयरमैन राजेश चतुर्वेदी और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ लंबी बैठक हुई थी। इस दौरान मंत्रलय के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
एक दो दिन में आना था रिजल्ट
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला बीते मंगलवार को ही आने वाला थी। जबकि सीबीएसई 12वीं कक्षा के परीक्षाफल को अंतिम रूप दे चुका है। एक-दो दिन में इसे जारी करने की तैयारी भी हो चुकी थी, लेकिन ऐन वक्त पर हाईकोर्ट ने अतिरिक्त अंक देने की नीति इस साल बहाल रखने के आदेश दे दिए।
आज होगी स्थिति साफ होगी
इस मामले में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से सलाह मांगी गई है इसके बाद मंत्रलय हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ स्टे लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने या नहीं जाने का फैसला करेगा। गुरुवार को इस बारे में स्थिति साफ होने की संभावना है।
जाने मॉडरेशन नीति के बारे में
मॉडरेशन नीति के तहत परीक्षार्थियों को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस नंबर दिए जाते हैं। मॉडरेशन नीति के अनुसार परीक्षार्थियों को किसी विषय में कठिन सवालों को लेकर 15% अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। सीबीएसई ने ज्यादा नंबर हासिल करने वाले उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर यह फैसला लिया है।
छात्र-अभिभावकों की बढ़ी चिंता
सीबीएसई 12वीं के परिणाम में देरी ने छात्रों के साथ अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी। दरअसल, डीयू समेत कई विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में परिणाम में देरी से छात्रों के दाखिलों पर संकट खड़ा हो गया है।
इस महीने के अंत तक आएगा रिजल्ट
सीबीएसई के सूत्रों का कहना है कि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस महीने के आखिर तक परीक्षा फल जारी करने की पूरी कोशिश की जाएगी। सीबीएसई 12वीं कक्षा के परीक्षाफल को अंतिम रूप दिया जा चुका है।