उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘अब्बा जान’ वाले बयान पर अब सियासत के साथ-साथ सोशल मीडिया का पारा भी चढ़ गया है। सोशल मीडिया पर सीएम के ‘अब्बा जान’ वाले बयान पर जमकर हंगामा पसरा हुआ है।
‘अब्बा जान’ वाले बयान पर चढ़ा सोशल मीडिया का पारा
उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के अब्बा जान वाले बयान पर अब सियासत के साथ-साथ सोशल मीडिया का पारा भी चढ़ गया है। सोशल मीडिया पर सीएम के अब्बा जान वाले बयान पर जमकर हंगामा पसरा हुआ है। विपक्षी नेताओं के साथ-साथ आम जनता भी मुख्यमंत्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दे रही है। सोशल मीडिया पर लोगों में गुस्सा दिख रहा है। इस बयान को लोग एक समुदाय को टारगेट करने वाला बता रहे हैं।
‘2017 से पहले अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे’
पहले आपको बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा क्या कहा जिसके बाद से सोशल मीडिया और यूपी की सियासत में इतनी गर्मी बढ़ गई है। दरअसल रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने भीड़ से पूछा कि अब राशन मिलता है कि नहीं? क्या 2017 से पहले भी ऐसे ही मिलता था? उन्होंने कहा कि साल 2017 से पहले अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे और तब कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था। आज कोई गरीबों का राशन निगलेगा तो जेल जाएगा।
यूजर्स ने बताया सांप्रदायिकता और नफरत फैलाने वाला बयान
सीएम योगी के इस बयान के बाद से ही विपक्ष लगातार बीजेपी सरकार की आलोचना कर रहा है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोग मुख्यमंत्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग इसे सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने वाला बयान बता रहे हैं। एक यूजन ने सीएम के इस बयान पर लिखा बीजेपी सिर्फ सांप्रदायिकता और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाकर ही इलेक्शन जीत सकती है। तो वहीं आइरीन अकबर नाम के एक यूजन ने लिखा यूपी सरकार को विज्ञापन में हुई गफलत से बचाने के लिए अब्बा जान लाया गया है। हमारे बिना क्या होगा इनका?
मुसलमानों के लिए नफरत के अलावा कोई अजेंडा नहीं- विपक्ष
विपक्ष के कई नेताओं ने भी ट्वीट करके इसे गलत करार दिया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि मैं हमेशा से जानता हूं कि बीजेपी के पास इलेक्शन लड़ने के लिए सांप्रदायिकता और मुसलमानों के लिए नफरत के अलावा कोई अजेंडा नहीं है। यहां एक सीएम खुद को दोबारा चुने जाने के लिए दावा कर रहा है कि जो राशन हिंदुओं के लिए था, उसे मुसलमान खा गए। वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार चाहती है एक समावेशी अफगानिस्तान। लेकिन ‘अब्बा जान’ के बयान से योगी चाहते हैं: एक समावेशी यूपी या बांटो और राज करो?
विधानसभा में भी ‘अब्बा जान’ वाले बयान पर हुआ था घमासान
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब्बा जान वाली बयानबाजी पहले भी कर चुके हैं। जिसको लेकर भी सदन खासा हंगामा हुआ था। पिछले महीने सीएम योगी ने यूपी विधानसभा में कहा था कि कुछ लोगों ने तब टीका लगवाया है जब उनके ‘अब्बा जान’ ने टीका लगवा लिया। उनकी यह टिप्पणी सपा नेता मुलायम सिंह यादव के टीका लगवाने के कुछ दिनों बाद अखिलेश के टीका लगवाने पर आई थी।