उत्तराखंडः राज्य सरकार से लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक के प्रशासन में भूचाल आ गया है।राज्य में लंबे समय से अनशन पर बैठे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का देहांत आज ऋषिकेश एम्स में हो गया है। बता दें राज्य सरकार ने उनकी हालत को देखते हुए अस्पताल में भर्ती करवाया था। लेकिन स्वामी जी इलाज के दौरान ही स्वर्ग सिधार गए।
स्वामी की मौत की घटना से प्रशासन में हड़कंप मच गया
अनशन पर बैठे स्वामी की मौत की घटना से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर वर्तमान सांसद रमेश पोखरियाल निशक ने स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद से मुलाकात की थी।सानंद की मौत की खबर से उत्तराखंड की सियासत में आने वाले दिनों उथल-पुथल हो सकती है।गंगा की रक्षा के लिए 22 जून से मातृ सदन आश्रम में तपस्या कर रहे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने मंगलवार से जल का भी त्याग कर दिया था। जिसके बाद हालत को देखते हुए बुधवार को प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया था।
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बता दें कि इससे पूर्व भी स्वामी को 1 सप्ताह के लिए एम्स में भर्ती किया जा चुका था। प्रशासन और चिकित्सा टीम उन्हें एंबुलेंस से एम्स ले गई थी। इससे पहले प्रशासन ने आश्रम व आसपास के क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी। गंगा पर निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना को बंद करने, प्रस्तावित परियोजना को नष्ट करने और कोई भी नई परियोजना स्वीकृत ना करने, समेत वर्ष 2012 में तैयार किए गए ड्राफ्ट पर गंगा एक्ट बनाने की मांग को लेकर स्वामी सानंद बीते 22 जून से तक कर रहे थे।
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मालूम हो कि तप के इस लंबे समय से स्वामी जल, नमक, नींबू, और शहद ले रहे थे। लेकिन आखिरी में स्वामी ने सब कुछ त्याग दिया।तपस्यारत स्वामी के जल तक त्याग देने से प्रशासन की धड़कने बढ़ गईं। हालात को देखते हुए डीएम दीपक रावत के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार और सीओ किशोर पुलिस बल के साथ मातृ सदन आश्रम पहुंचे।
प्रशासन के इस अमले ने आश्रम अध्यक्ष स्वामी शिवानंद की मौजूदगी में स्वामी सानंद से ऋषिकेश एम्स में भर्ती होने का अनुरोध किया।स्वामी शिवानंद ने तो उनके इलाज के लिए अनुमति दी प्रदान कर दी लेकिन सानंद ने मौन भाव से यह कह दिया कि उन्हें किसी तरह के उपचार की जरूरत नहीं है।वहीं मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि ऋषिकेश एम्स में सानंद की जान को खतरा है। उन्होंने सानंद को दिल्ली एम्स में भर्ती कराने की मांग की। उन्होंने कहा सानंद मेडिकल अनुसंधान एवं शोध के लिए अपनी देह दान कर चुके हैं।
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स्वामी शिवानंद ने कहा कि आश्रम में निषेधाज्ञा लगाने के विरुद्ध कोर्ट से स्टे लिया था बावजूद इसके आश्रम में कर्फ्यू लगा दिया। इसलिए सिटी मजिस्ट्रेट मनीष कुमार और शिव किशोर के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस दायर किया जाएगा। उत्तराखंड में स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की मौत के मामले को लेकर राजनीतिक उथ-पुथल होना सुनिश्चित है।