उत्तराखंड के जोशीमठ में रहने वाले लोग इन दिनों दहशत में हैं। अचानक मकानों में दरार आने, सड़कों के धंसने और जगह-जगह पानी के सोत फूटने से लोगों में खौफ का माहौल है।
यह भी पढ़े
Delhi Airport: दिल्ली एयरपोर्ट ने कोहरे को लेकर जारी किया अलर्ट, यात्रियों से की ये अपील
जोशीमठ में पिछले कुछ महीनों से लगातार ऐसी घटना हो रही है। मेहनत के पैसे से बनाए गए मकानों को छोड़कर लोग इस कड़ाके की सर्दी में सड़कों पर अलाव जलाकर रात गुजार रहे हैं। कुछ लोग अपने परिचितों के उन मकानों में शरण लिए हुए हैं, जहां दरार नहीं आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक जोशीमठ के 561 मकानों में दरार पड़ चुकी है। कई जगह अचानक मकान के नीचे से पानी के सोते फूट पड़े हैं। तेज पानी के इन सोतों से लोग डरे हुए हैं। जोशीमठ से होकर ही चारधाम में बर्द्रीनाथ का रास्ता जाता है। ज्योतेश्वर महादेव मंदिर के लिए फेमस जोशीमठ के पास ही औली नामक पर्यटन स्थल भी है। इसलिए यहां के ज्यादातर लोग पर्यटन पर रोजगार के लिए निर्भर हैं। होटलों में दरार आने के बाद प्रशासन ने यहां पर्यटकों के ठहरने पर पाबंदी लगा दी है, जिससे स्थानीय लोग अपनी रोजी-रोटी को लेकर परेशान हैं।
जोशीमठ में रोप वे और दो होटल बंद
उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ में राहत कार्य शुरू कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक 29 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। दरार पड़ने के बाद खतरे को देखते हुए 2 होटल भी बंद करा दिए गए हैं। इसके अलावा जोशीमठ में मौजूद एशिया की सबसे लंबी रोपवे को भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।
आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जिन मकानों पर अधिक दरारें हैं, उन्हें पहले फेज में शिफ्ट किया जाएगा। शासन स्तर पर ऐसे मकानों में रह रह लोगों को अलग-अलग स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। ऐसे घरों में रह रहे लोगों को तत्काल दूसरी जगहों पर विस्थापित किया जाएगा, ताकि किसी बड़े संकट से बचा जा सके।
सीएम धामी करेंगे दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ का खुद दौड़ा कर स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने इस मामले में समीक्षा बैठक भी की है। धामी ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग से रिपोर्ट प्राप्त कर उस पर अमल करने का काम शुरू कर दिया गया है।