लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सोमवार (1 मार्च) से प्राइमरी स्कूल खुलने जा रहे हैं। यानी कक्षा एक से कक्षा पांच तक बच्चे भी पढ़ने के लिए स्कूल जाएंगे।
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कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्राइमरी स्कूलों को प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। सभी स्कूलों को सैनिटाइज किया जाएगा और बच्चे स्कूल में मास्क पहनकर ही पहुंचेंगे। प्रदेश सरकार के नए नियमों के अनुसार, स्कूलों में केवल 50 फीसदी बच्चों को बुलाया जा सकता है।
एक क्लास में बैठेंगे सिर्फ 20 बच्चे
कोविड गाइडलाइन के मुताबिक, लखनऊ में एक मार्च से कक्षाओं के संचालन के लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। स्कूलों में कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल के अनुसार, एक क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सिर्फ 20 बच्चों को ही बैठाया जाएगा। स्कूलों में कक्षाओं का संचालन तीन घंटे की शिफ्ट में होगा। इस अवधि में लंच ब्रेक और खेल-कूद पर अगले आदेश तक प्रतिबंध रहेगा।
स्कूलों के लिए कोविड नियम
- कोविड प्रोटोकॉल के अंतर्गत सभी स्कूलों में बच्चे पहुंचेंगे और ऑफलाइन क्लास चालू होंगी।
- पहले दिन हर क्लास के 50 प्रतिशत बच्चों को ही बुलाया जाएगा और अगले दिन शेष बचे 50 प्रतिशत बच्चों की क्लास चलेंगी।
- जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या ज्यादा है, वहां दो शिफ्ट में क्लास चलेंगी। इस दौरान स्कूलों में न तो खेलकूद होंगे और न ही किसी आयोजन को करने की छूट। हालांकि, परिषदीय स्कूलों में खेलकूद की छूट है।
- कोरोना प्रोटोकाल के अंतर्गत बच्चों में छह फिट की दूरी होगी और उनके लिए मास्क जरूरी होगा।
- नए प्रवेश के दौरान अर्हता पूरी करने के लिए पैरेंट्स को ही बुलाया जाएगा, बच्चों को नहीं बुलाया जाएगा।
- स्कूलों में बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग करानी होगी।
- स्कूल के अंदर किसी बाहरी वेंडर को खाद्य सामग्री बेंचने की अनुमति नहीं होगी। विद्यालय और उसके आस-पास स्वास्थ्यकर्मी, नर्स व डॉक्टर की सुविधा होनी चाहिए।
- बच्चों के स्कूली रिक्शे, बसों आदि को नियमित तौर पर सैनिटाइज करने की व्यवस्था होना चाहिए।
- स्कूल में बच्चों को पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। यह भी ध्यान रखना होगा कि बच्चे पुस्तकें, नोटबुक, पेन और लंच किसी से भी साझा न करें।
- स्कूलों में टीचर व स्टूडेंट्स की नियमित जांच की व्यवस्था करनी होगी। यदि कोई कोविड संदिग्ध पाया जाता है तो उसे तत्काल आइसोलेट करना होगा।
- स्कूलों में क्लास रूम, शौचालय, दरवाजे, कुंडी, सीट आदि का नियमित सैनिटाइजेशन करने के साथ ही उन्हें साफ-सुथरा रखना होगा।