उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानूनों की वापसी के फैसले के बावजूद भी किसान नेता आंदोलन को समाप्त करने के इरादे में नहीं दिख रहे। इसी बीच आज महापंचायत के जरिए। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान नेता अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे।
आपको बता दें संयुक्त किसान मोर्चा पहले ही ऐलान कर चुका है कि कानूनों की वापसी के बावजूद भी आंदोलन जारी रहेगा। हालांकि इस महापंचायत में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब से बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से भारी संख्या में किसानों का जत्था महापंचायत में शामिल होने के लिए रवाना हो चुका है। भारतीय किसान यूनियन युवा मोर्चा के अध्यक्ष गौरव टिकैत के नेतृत्व में किसानों का यह जत्था लखनऊ पहुंचेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा उस पत्र में किसान नेताओं ने लिखा है कि जब तक सरकार उनकी 6 मांगों पर वार्ता बहाल नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसानों की मांग
- 688 शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा पर होगी चर्चा
- न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून
- बिजली पर अध्यादेश की हो वापसी
- पराली को लेकर हुए मुकदमों की हो वापसी
- आंदोलन के दौरान दर्द मुकदमे को खारिज।
मांग पूरी नहीं होगी तो जारी रहेगा आंदोलन
किसान नेताओं और आंदोलनकारियों ने अपने इरादों को साफ करते हुए कह दिया है कि जब तक सरकार हमसे बात नहीं करेगी और हमारी समस्याओं का हल नहीं करेगी। तब तक आंदोलन की वापसी से नहीं होगी। हमारी मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को लेकर कानून बनाया जाए।