नई दिल्ली/वॉशिंगटन। पीएम नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु सहयोग पर पुरानी भागीदारी को नए आयाम देते हुए अमेरिका ने भारत में छह परमाणु संयंत्रों के निर्माण करने का फैसला किया।
मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच हुई बैठक में अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल) परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए इंजीनियरिंग और साइट डिजाइन का काम शुरू करने पर सहमत हुए। मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि परमाणु संयंत्रों की निर्माण का काम तुरंत शुरू होगा।
भारत ने परमाणु दायित्व मुद्दे को संबोधित किया है और अब रिएक्टर की स्थापना की तैयारियां होनी है। दोनों देश इस अनुबंधात्मक व्यवस्था को जून 2017 तक पूरा करने की दिशा में काम करेंगे। परियोजना पूरा होने के बाद अपनी तरह की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक होगी और इससे भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने तथा जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करेगी।