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उप्रःसरकारी नौकरी की आशा कर रहे युवाओं को योगी सरकार का करारा झटका,चिकित्सा व पुलिस विभाग के अलावा नहीं की जाएगी नियुक्ति

उप्रःसरकारी नौकरी की आशा कर रहे युवाओं को योगी सरकार का करारा झटका,चिकित्सा व पुलिस विभाग के अलावा नहीं की जाएगी नियुक्ति

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारी कार्यों में बचत के लिए खर्चों में कटौती को लेकर कई ऐलान किए है। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने अनुपयोगी पदों को समाप्त करने, चिकित्सा व पुलिस विभाग को छोड़कर अन्य विभागों में नए पद स्वीकृत न करने, चतुर्थ श्रेणी के रिक्त हो रहे कर्मचारियों के स्थान पर नियमित नियुक्ति न करने के आदेश जारी कर दिए हैं।उन्होंने 5 सितारा होटल में राजकीय भोज आयोजित न करने, सम्मेलन, सेमिनार व कार्यशालाएं होटलों की जगह सरकारी भवनों में करने, सरकारी काम के लिए हवाई यात्रा इकानामी क्लास में ही करने को कहा है।

 

उप्रःसरकारी नौकरी की आशा कर रहे युवाओं को योगी सरकार का करारा झटका,चिकित्सा व पुलिस विभाग के अलावा नहीं की जाएगी नियुक्ति
उप्रःसरकारी नौकरी की आशा कर रहे युवाओं को योगी सरकार का करारा झटका,चिकित्सा व पुलिस विभाग के अलावा नहीं की जाएगी नियुक्ति

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योगी सरकार की निजीकरण (Privatization) को बढ़ा देने वाली  इस पहल का लोगों की जिंदगी में क्या असर पड़ेगा इससे  बेपरवाह है। आपको बता दें कि बीजेपी ने 2014  लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक से सभी चुनावों में बेरोजगारी हटाने का खूब डंका पीटा है। आज भले ही वह इस बात से बेखबर होकर फालतू खर्चा बचाने की दुहई दे रही हो। अगर कहा जाए कि यह फैसला सरकारी नौकरी की  तैयारी करने वााले  तमाम युवाओं के सपने में पानी फेरने वाला ,और पूंजीपतियों को बढ़ावा देने वाला है तो बिल्कुल गलत नहीं होगा। फैसले  को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या सरकार से विद्यार्थियों  को रोजगार या नौकरी की आशा करना छोड़ देना चाहिए..?

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आपको बता दें कि मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने मंगलवार को इस संबंध में एक विस्तृत शासनादेश जारी किया। उन्होंने ने कहा है कि प्रदेश के संशाधनों का अधिकतम उपयोग विकास कार्यों में करने के लिए प्रशासनिक खर्चों में कमी लाया जाना जरूरी है।इसके लिए शासन ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जिसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए।

पांडेय ने कहा है कि पिछले एक दशक में विभागों का कंप्यूटीकरण किए जाने से कार्यप्रणाली में व्यापक बदलाव आया है।मुख्य सचिव ने कहा कि कई विभागों के कार्यभार में भी कमी आई है। ऐसे में बदले परिवेश में अनुपयोगी पदों को चिह्नित कर समाप्त किया जाएं और ऐसे पदों पर कार्यरत कर्मियों को अन्य पदों या अन्य विभागों में समायोजित करने की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा है कि सेवा नियमों के विपरीत नियत वेतन, दैनिक वेतन, संविदा के आधार पर कर्मचारी नियुक्त करने पर प्रतिबंध पहले की तरह बना रहेगा। अनिवार्यता की स्थिति में कार्यों को वाह्य एजेंसी, सेवा प्रदाता व कांट्रैक्ट से कराया जाए।मुख्य सचिव का यह आदेश सरकारी विभागों व कार्यालयों के साथ-साथ सभी सार्वजनिक उपक्रमों, स्थानीय निकायों, स्वायत्तशासी संस्थाओं व प्राधिकरणों पर समान रूप से लागू होगा। मुख्य सचिव ने समस्त अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों व कार्यालयाध्यक्षों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है।

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 महेश कुमार यदुवंशी

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