Breaking News featured यूपी

कोरोना काल में ऑनलाइन क्‍लासेस, जानिए बच्‍चों के लिए कितनी फायदेमंद  

कोरोना काल में ऑनलाइन क्‍लासेस, जानिए बच्‍चों के लिए कितनी फायदेमंद  

 

शैलेंद्र सिंह

लखनऊ: देश में कोरोना महामारी ने लोगों की जान से लेकर हर चीज को प्रभावित किया है। कोरोना काल में बच्‍चों की पढ़ाई पर भी काफी असर पड़ा है। लेकिन इस दौरान ऑनलाइन क्‍लासेस ने बहुत हद तक उनकी मदद की और उन्‍हें एक नई दिशा भी मिली।

पिछले साल जब कोविड महामारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया तो स्‍कूलों को बच्‍चों की पढ़ाई ऑनलाइन कराने के निर्देश दिए गए। हालांकि, उस समय ऑनलाइन क्‍लासेस का उतना प्रचलन न होने से उन्‍हें दिक्‍कतें आईं, लेकिन इस बार उसका काफी फायदा देखने को मिला है।

इस संबंध में भारत खबर ने कुछ अध्‍यापकों से बातचीत की और ऑनलाइन क्‍लासेस के फायदों के बारे में जानने की कोशिश की। नजीते कुछ इस तरह से सामने आए कि डिजिटल दुनिया में ऑनलाइन क्‍लासेस अपनी अहम भूमिका निभा सकती हैं।

ऑनलाइन क्‍लासेस में दिलचस्‍पी बढ़ी

भारत खबर से बातचीत में लखनऊ स्थित सेठ एम आर जयपुरिया स्‍कूल के शिक्षक राजीव सिंह ने बताया कि, कोरोना संकट की वजह से इस साल अप्रैल माह से बच्‍चों की ऑनलाइन क्‍लासेस चलाई जा रही हैं। पिछले साल ऑनलाइन क्‍लासेस को लेकर दिक्‍कतें सामने आईं थीं, लेकिन इस बार नतीजे अच्‍छे सामने आ रहे हैं। शिक्षक और बच्‍चों की ऑनलाइन क्‍लासेस में दिलचस्‍पी बढ़ी है।

कोरोना काल में ऑनलाइन क्‍लासेस, जानिए बच्‍चों के लिए कितनी फायदेमंद  
राजीव सिंह, जयपुरिया स्‍कूल, लखनऊ

राजीव सिंह ने बताया कि, बच्‍चे मोबाइल या लैपटॉप पर ज्‍यादा समय तक न रहें इसके लिए आधे-आधे घंटे के तीन पीरियड चलाए जाते हैं और बाद करीब एक घंटे का ब्रेक दिया जाता है। बच्‍चे जूम या गूगल मीट से ऑनलाइन एजुकेशन के जुड़ते हैं और घर पर ही रहकर सभी क्‍लासेस की पढ़ाई आसानी से करते हैं। उन्‍होंने बताया कि, इससे फायदा यह होता है कि बच्‍चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होता और उन्‍हें टेक्‍नोलॉजी के बारे में भी ज्ञान मिल रहा है।

ऑनलाइन क्‍लासेस को लेकर अब सभी सहज

टीचर राजीव सिंह ने सबसे खास बात बताई कि अक्‍सर ऐसा होता है कि जूम या गूगल मीट पर बच्‍चे ऑनलाइन अटेंडेंस दे देते हैं और उसके बाद क्‍लास ज्‍वॉइन करके खुद अनएक्टिव हो जाते हैं। ऐसा न हो इसके लिए हम हर बच्‍चे से बीच-बीच में सवाल पूछते रहते हैं, जिससे वह एक्टिव रहें। उन्‍होंने बताया कि, पिछले साल के मुकाबले इस साल अध्‍यापक, बच्‍चे और उनके अभिभावक सभी ऑनलाइन क्‍लासेस को लेकर सहज हो गए हैं, जिससे सभी को इसका बेनिफिट मिल रहा है।

कोरोना काल में ऑनलाइन क्‍लासेस, जानिए बच्‍चों के लिए कितनी फायदेमंद  

वहीं, राजधानी स्थित शिया इंटर कॉलेज के अध्‍यापक तालिब जैदी से बातचीत की गई। उन्‍होंने बताया कि, फिलहाल वह ऑनलाइन क्‍लासेस तो नहीं चला रहे लेकिन पूरे कॉलेज का एक व्‍हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है जिस पर शिक्षक बच्‍चों की कोर्स की पढ़ाई से संबंधित फोटो, पीडीएफ, ऑडियो और वीडियो डालते हैं। इसमें वह बच्‍चों के कोर्स को पूरा कराने के साथ ही पढ़ाई से संबंधित हर सवाल-जवाब पर फोकस कर रहे हैं।

कोरोना काल में ऑनलाइन क्‍लासेस काफी बेटर ऑप्‍शन

तालिब जैदी ने कहा कि, कोरोना काल की स्थिति में ऑनलाइन क्‍लासेस काफी बेटर ऑप्‍शन है। लेकिन हमारे कॉलेज के कुछ बच्‍चे ऐसे भी हैं, जिनके पास अच्‍छे मोबाइल, लैपटॉप और नेट से संबंधित चीजों की समस्‍या है और ऐसे में हम व्‍हाट्सएप ग्रुप का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। इनमें पढ़ाई से संबंधित फोटो, पीडीएफ, ऑडियो, वीडियो डाल दिए जाते हैं और बच्‍चों से इन सब में किसी भी प्रकार की समस्‍या आने पर सवाल पूछे जाने को कहा जाता है। बच्‍चे सवाल पूछते भी हैं और उनका सॉल्‍व करके बताया जाता है।

कोरोना काल में ऑनलाइन क्‍लासेस, जानिए बच्‍चों के लिए कितनी फायदेमंद  
तालिब जैदी, शिया इंटर कॉलेज, लखनऊ

इसके अलावा वाराणसी स्थित आर्यन इंटरनेशनल स्‍कूल की निदेशक सुबिना चोपड़ा ने भी ऑनलाइन क्‍लासेस को स्थिति के हिसाब से सही बताया। हालांकि, उनका कहना है कि ऑनलाइन क्‍लासेस को लेकर बच्‍चों का रिस्‍पॉन्‍स कम आ रहा है। उन्‍होंने कहा कि, ऑनलाइन क्‍लासेस में पढ़ाई से संबंधित दिक्‍कतें तो आ ही रही हैं, लेकिन बच्‍चों की सोशल एक्टिविटी और स्किल डेवलपमेंट का भी नुकसान हो रहा है।

कोरोना काल में ऑनलाइन क्‍लासेस, जानिए बच्‍चों के लिए कितनी फायदेमंद  
सुबिना चोपड़ा, निदेशक, आर्यन इंटरनेशनल स्‍कूल, वाराणसी

 

दूर-दराज के बच्‍चों के लिए काफी फायेदमंद

ऑनलाइन क्‍लासेस को लेकर जब कुछ छात्रों और उनके अभिभावकों से बात की गई तो उन्‍होंने भी इस पर अपने विचार रखे। छात्र मयंक ड्रोलिया ने कहा कि, कोरोना संक्रमण के कारण जिस तरह के हालात हैं, ऐसे में ऑनलाइन क्‍लास एक सही और बेटर ऑप्‍शन है। इससे बच्‍चों की पढ़ाई का लॉस नहीं हो रहा है और उन्‍हें कुछ न कुछ नया सीखने को भी मिल रहा है। वहीं, छात्रा वर्षा गुप्‍ता ने कहा कि, कोरोना काल में ऑनलाइन क्‍लासेस काफी फायदेमंद साबित हो रही हैं। इससे बच्‍चे घर पर खाली न बैठकर कम से कम पढ़ाई तो कर रहे हैं। हालांकि, मयंक व वर्षा का मानना है कि ऑफलाइन क्‍लासेस में बच्‍चों का काफी एक अलग तरीके से होता है, जो ऑनलाइन नहीं हो सकता।

छात्र मंयक ने ऑनलाइन क्‍लासेस के फ्यूचर प्‍लान को लेकर कहा कि, यह उन बच्‍चों के लिए काफी फायदेमंद है जो कहीं दूर गांव, शहर या राज्‍य में रहते हैं। अगर स्‍कूलों में ऑनलाइन क्‍लासेस का ऑप्‍शन दिया जाएगा तो बच्‍चे कहीं से भी अपने पसंदीदा स्‍कूल में एडमिशन लेकर घर पर ही रहकर पढ़ाई कर सकते हैं।

स्‍कूलों में ऑनलाइन क्‍लासेस भी चलें

ऑनलाइन क्‍लासेस को लेकर कुछ अभिभावकों का भी यही कहना है कि, कोरोना काल में यह एक बढ़िया ऑप्‍शन है। बच्‍चों की पढ़ाई तो हो ही रही है, साथ ही वह इसमें बिजी होने के कारण बेवजह घर से घूमने भी नहीं निकलते। हालांकि, अभिभावकों का मानना भी यही है कि ऑनलाइन क्‍लासेस स्‍कूलों में चलनी चाहिए जिससे दूर-दराज के बच्‍चों को पढ़ाई का अवसर मिल सके। लेकिन आस-पास के बच्‍चों के लिए ऑफलाइन पढ़ाई ज्‍यादा सही है।

आपको बता दें कि, कोरोना महामारी की वजह से बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस पिछले साल से ही चलाई जा रही हैं। ऐसा इसलिए कि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान भी न हो और कोरोना संक्रमण से बचाव भी किया जा सके। ऑनलाइन क्लासेस के जरिए सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि उनके माता-पिता भी जुड़ रहे है, जिससे वह बच्‍चों की प्रोग्रेस पर भी ध्‍यान दे सकें। पिछले साल के मुकाबले इस साल ऑनलाइन क्लासेस में बच्‍चों और शिक्षकों दोनों को मजा आने लगा है। बच्‍चे अध्‍यापकों द्वारा प्रोजेक्ट भी दिए जा रहे और उन्हें रचनात्मक कार्यों से भी जोड़ा जा रहा है।

Related posts

मध्य प्रदेश के सीएम ने प्रत्येक बेघर को 2.5 लाख रु की सहायता का आश्वासन दिया

Trinath Mishra

प्रयागराज: हंडिया क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में, लोग घरों से पलायन को मजबूर

Shailendra Singh

मंत्री पंडित सिंह पर लगा लैपटॉप वितरण में धांधली का आरोप

piyush shukla