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फतेहपुर में भगवान भरोसे पेट्रोल पंप, संचालकों की मनमर्जी से वाहन चालक परेशान  

फतेहपुर में भगवान भरोसे पेट्रोल पंप, संचालकों की मनमर्जी से वाहन चालक परेशान  

फतेहपुर: जिले के पेट्रोल पंप स्टेशन पर संचालकों की लापरवाही जग जाहिर है। कहीं पर आए दिन डीजल-पेट्रोल खत्म रहता है तो कहीं पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और फ्री एयर की सुविधा नहीं है। यदि मामले पर जानकारी भी लेने का प्रयास करो तो उल्टा उनकी नाराजगी झेलो। मतलब फिलिंग स्टेशन का लाइसेंस तो ले लिया, लेकिन किया धरा कुछ नहीं होता। मामले पर जिले के अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है।

शहर और आसपास करीब आधा दर्जन से अधिक फिलिंग स्टेशन हैं। जिसमें मलाका, ज्वालागंज, आईटीआई, राधानगर, लोधीगंज और आरटीओ कार्यालय प्रमुख हैं। लेकिन इनमें से अधिकतर के पास ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सुविधा नहीं है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन भुगतान पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए फोन पे, गूगल पे, यूपीआई सहित कई माध्यम भी दिए गए हैं। लेकिन मजाल है कि पेट्रोल पंप संचालक प्रधानमंत्री की अपील पर ध्यान दें। उन्हें नकद धनराशि ही चाहिए। अब नकद भुगतान लेने और खाते में पैसा न लेने का क्या सिस्टम है यह कोई नहीं बता रहा?

एकलौते पेट्रोल पंप पर ऑनलाइन पेमेंट की प्रक्रिया स्‍लो

हालांकि, शहर स्थित ज्वालागंज में एकलौता पेट्रोल पंप है जो ऑनलाइन भुगतान लेता है लेकिन उसकी प्रक्रिया भी बहुत स्लो है। कई बार तो भुगतान होने के बाद ग्राहक को काफी इंतजार करना पड़ता है। ऐसे ग्राहक को फिलिंग स्टेशन का मैनेजर सांकेतिक बंधक जैसा बना लेता है। कुछ ऐसी ही लापरवाही ईंधन के प्रति भी देखने को मिलती है। जिसमें लोधीगंज, ज्वालागंज स्थिति पेट्रोल पंप में अक्सर डीजल-पेट्रोल समाप्त रहता है। पिछले कुछ दिनों से जहां ज्वालागंज में ईंधन न होने के कारण एक भी डिस्पेंसरी यूनिट नहीं चल रही है तो वहीं लोधीगंज स्थित पंप में डीजल ही नहीं है।

फ्री एयर की सुविधा नहीं

संचालकों की मनमर्जी का ही फल है कि शहर और जिले भर के एक आध पेट्रोल पंप को छोड़कर कहीं भी फ्री एयर की सुविधा नहीं है। जबकि बड़े-बड़े अक्षरों में अपने फिलिंग स्टेशन की सुविधाओं का बखान करते बोर्ड जरूर टांगे होते हैं। हालांकि, यहां पर टायर पंचर से लेकर ट्यूब-टायर बेचे जरूर जाते हैं। इन सबके बीच न अधिकारियों को यह सब देखने की चिंता है और न एजेंसी देने वाली कंपनी को लोगों की चिंता है।

ईंधन न होने का साइन बोर्ड नहीं

पंप संचालक अपनी नाकामी को छिपाने के लिए ईंधन न होने का साइन बोर्ड भी नहीं लगाते। साथ ही डिस्पेंसरी यूनिट के पास एक सेल्समैन को भी तैनात किए रहते हैं। ऐसे में जब वाहन चालक फिलिंग स्टेशन पहुंचता है तब उसे सेल्समैन के जरिये ईंधन न होने की जानकारी मिलती है। अब इन तमाम अनियमितताओं के बीच पेट्रोल पंप संचालकों की मनमर्जी कब तक जारी रहती है, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन जिला प्रशासन, आपूर्ति विभाग और संबंधित एजेंसी को मामले पर कार्रवाई करते हुए लोगों को उनका अधिकार दिलवाना होगा।

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