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फतेहपुर में अवैध मौरंग की डंपिंग, कार्रवाई से बचने का तरीका उड़ा देगा आपके होश

फतेहपुर में अवैध मौरंग की डंपिंग, कार्रवाई से बचने का तरीका उड़ा देगा आपके होश

फतेहपुर: फतेहपुर जिले में मौरंग माफियाओं और ठेकेदारों ने नियमों को ताख पर रखकर अवैध तरीके से मौरंग की डंपिंग की है। अब इसे बाजार में मुंहबोली रकम देकर बेचा जा रहा है। इस तरह न केवल सरकारी राजस्व को चूना लगाया जा रहा है बल्कि अवैध तरीके से मोटा मुनाफा भी कमाया जा रहा है।

जिले में क्योंकि अब खनन बंद हो गया है तो ऐसे में यहां से मौरंग खरीदना लोगों की मजबूरी है। प्रशासन को पूरे मामले की जांच कर ऐसे सभी अवैध मौरंग डंपिंग को सीज करना होगा, जिससे दबंगों को उनकी करतूत का दंड मिल सके।

मौरंग खनन बंद होने से पहले ही शुरू हुई थी डंपिंग  

यमुना नदी में मौरंग खनन बंद होने के पहले ही ठेकेदारों ने डंपिंग करना शुरू कर दिया था। हालांकि, कुछ ठेकेदारों ने बाकायदा शुल्क जमा कराकर नियमानुसार डंपिंग की अनुमति ली, लेकिन इसके बावजूद भी कई ऐसे दबंग ठेकेदार हैं, जिन्होंने न तो अनुमति ली और न ही शुल्क जमा किया। इनमें कुछ तो ऐसे हैं जिनके पास डंपिंग के लिए जमीन भी नहीं है और ऐसे में उन्‍होंने नजूल की जमीन पर डंपिंग करवा लिया।

अवैध मौरंग के कारोबारियों द्वारा दूर गांवों से लेकर शहर मुख्यालय तक सड़क किनारे, बंजर सरकारी जमीन पर भारी भरकम डंपिंग की जा चुकी है। उन्हें सरकारी तंत्र का बिल्कुल भी भय नहीं है, तभी वह निर्भीक होकर खुलेआम अवैध मौरंग बेच रहे हैं।

पहले और अब के मूल्य में अंतर

जब मौरंग खनन घाट चल रहा था तब मोटा दाना 200 फिट में 4000 रुपये में और 200 फिट पतला दाना 2500 रुपये में था। इसी तरह मोटा दाना 300 फिट 5500 में और 300 फिट के पतले दाने की कीमत 4050 रुपये थी। लेकिन जब से खनन बंद हुआ है तब से ये ठेकेदार उतनी ही मौरंग के लिए दो से ढाई हजार रुपये ज्यादा ले रहे हैं। अब खरीददार की मजबूरी भी है, उसे अपना काम करवाना है तो मुंहमांगी कीमत देनी ही होगी। साथ ही ग्राम प्रधान स्तर पर कई सरकारी काम चल रहे हैं। ऐसे में अवैध मौरंग की डंपिंग करने वालों की चांदी है।

अवैध मौरंग का अवैध परिवहन

जिले के तमाम अवैध मौरंग डंपिंग क्षेत्र से मौरंग का परिवहन हो रहा है। यह परिवहन बिना रवन्ना (खनन शुल्क) के हो रहा है। ऐसे में खुलेआम पुलिस थानों के सामने और आगे पीछे से ये वाहन निकलते रहते हैं। इसमें लगे ट्रैक्टर भी अवैध हैं क्योंकि उनका कमर्शियल पंजीकरण नहीं है। इस तरह अवैध मौरंग का परिवहन अवैध वाहन से हो रहा है।

दो थाना क्षेत्र के बीच सीमा में बनाया डंपिंग क्षेत्र

डंपिंग करने वालों ने बड़ा दिमाग लगाकर अवैध मौरंग की डंपिंग की। सदर तहसील में ऐसी जगह मौरंग की डंपिंग की गई, जहां पर दो थाना क्षेत्रों की सीमाएं आपस में मिलती हैं। यह गाजीपुर और असोथर थाना क्षेत्र के जागेश्वर धाम के पास है। ठेकेदार ने दोनों थाना क्षेत्रों में डंपिंग करवाई है, जिससे दोनों ओर से लाभ मिलता रहे। यहां पर असोथर थाना क्षेत्र की बुधरामऊ पुलिस चौकी भी है। लेकिन ऐसा लगता है जैसे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता भले ही सरकार को चूना लगता रहे।

“जहां भी अवैध मौरंग की डंपिंग की गई थी, बीते दिनों वहां पर कार्रवाई हुई है। साथ ही जहां पर ऐसे मामले आ रहे हैं, उनकी जांच कर कार्रवाई होगी। गाजीपुर मामले पर नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक को जांच के निर्देश दिए गए हैं।”

प्रमोद झा, उप जिलाधिकारी सदर, फतेहपुर

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