अमित गोस्वामी, संवाददाता
बरसाना में दुनिया की सबसे अनूठी होली आज लड्डू होली खेली जाएगी । लाडली जी के मंदिर में फाग आमंत्रण के स्वीकार होने की खुशी देखते ही बनती है, जहां पर सैकड़ों किलो लड्डू खुशी-खुशी लुटा दिए जाते हैं।
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जो उन लड्डुओं को पाता है, वह राधारानी और भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम से धन्य हो जाता है। बरसाना की लड्डू होली को देखने के लिए देश और दुनिया भर से लोग आते हैं।
परंपरा के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि को बरसाना गांव से फाग खेलने का आमंत्रण नंदगांव तक पहुंचाया जाता है। उसी दिन नंदगांव से एक पुरोहित फाग आमंत्रण को स्वीकार करने का संदेशा लेकर बरसाना आता है। इस मौके पर लाडली जी के मंदिर में खुशियां मनाई जाती हैं और लड्डू खिलाकर पुरोहित का मुंह मीठा कराया जाता है। इसके बाद रंग-गुलाल उड़ाकर फाग उत्सव की शुरूआत होती है। देखते ही देखते लोग एक-दूसरे पर लड्डू फेंकने लगते हैं और इस तरह लड्डू होली खेली जाती है।
लड्डू होली से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। इनमें से एक परंपरा ये भी है कि जिस समय श्रीकृष्ण नंदगांव में रहते थे, उस समय बरसाना से एक गोपी फाग खेलने का निमंत्रण लेकर नंदगांव आई, इस निमंत्रण को नंद बाबा ने स्वीकार कर लिया। ये संदेश लेकर उन्होंने अपने पुरोहित को वरसाना भेजा, वहां राधाजी के पिता वृषभानु ने पुरोहित को लड्डू खिलाए। जब पुरोहित को गोपियां रंग डालने लगी तो उन्होंने उन पर लड्डू फेंकने शुरू कर दिए। तभी से ये परंपरा बन गई जो आज भी निभाई जा रही है।