मथुरा: रसिकाचार्य वंशी अवतार श्री हित हरिवंश चन्द्र महाप्रभु की जन्मभूमि श्रीजी मंदिर बाद ग्राम में महाप्रभुजी का प्राकट्योत्सव मोहिनी एकादशी के दिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ महंत लाड़ली शरण महाराज के सानिध्य में दूरदराज से आए हजारों श्रद्धालुओं एवं ग्राम वासियों ने मनाया।
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महाप्रभुजी के जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर मंदिर प्रांगण में समाज गायन एवं बधाई गायन किया गया व मोहिनी एकादशी के दिन भोर के समय श्रीकृष्ण वट के चारों ओर भक्तों ने ग्यारह सौ दीप जलाए गए एवं वट वृक्ष के नीचे भोर में वंशी स्वरूप महाप्रभुजी का प्राकट्योत्सव मनाया। मंगला आरती के उपरांत पंचामृत से वंशी का अभिषेक किया गया एवं बाद ग्राम के समाजी खेलन बिहारी मुखिया की मुखियाई में समाज गायन किया गया।
वंशी अवतार के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में वृन्दावन से आए संतों एवं हजारों भक्तों ने महाप्रभुजी की जन्मभूमि में वंशी अवतार एवं अष्ट सखियों के अद्भुत दर्शन कर अपने-आपको गौरवान्वित महसूस किया। कृष्ण वट एवं तारा महल में हुई समाज के उपरांत समाजियों ने बधाई गायन किया, जिसमें दूर-दराज से आए हजारों श्रद्धालुओं ने, भईया हो अद्भुत मंगल आज जहां प्रगटे श्री हरिवंश चन्द्रवर रसिकन के सिरताज पर जमकर बधाईयां लीं।
इस मौके पर श्रीजी मंदिर के महंत दम्पति शरण महाराज, रसिक माधव दास महाराज, गोस्वामी गुड्डू महाराज, पुरुषोत्तम महाराज, राधाबल्लभ बाबा, ब्रजेश पुजारी, नारायण पुजारी, इन्दु बहन, सोहन भगत, बालो बाबा, बिहारी सिंह, राधाबल्लभ पंडित, दिनेश सिंह तरकर, व्यास नंदन आदि लोग मुख्य रूप से मौजूद रहे।