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UP: प्रमुख सचिव ने कहा- प्रदेश की अपनी होगी संस्कृति नीति

UP: प्रमुख सचिव ने कहा- प्रदेश की अपनी होगी संस्कृति नीति

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश के सांस्कृतिक पक्ष को विश्व पटल पर उत्कृष्टता के साथ स्थापित किए जाने, प्रचार-प्रसार सहित कौशल व रोजगार से जोड़े जाने के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ लगातार बल दे रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को प्रमुख सचिव संस्कृति की अध्यक्षता में विभागीय ऑनलाइन समीक्षा बैठक की गई।

इस बैठक में प्रदेश की संस्कृति नीति का प्रख्यापन, प्रचार-प्रसार किए जाने व भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय को राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय के रूप में स्थाापित किए जाने संबंधित गहन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। संस्कृति विभाग के विशेष सचिव डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि, प्रदेश की प्रस्तावित संस्कृति नीति का लक्ष्‍य प्रदेश की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को उसकी संपूर्ण विविधता में संरक्षित संवर्धित करते हुए यूपी को सर्वोत्तम सांस्कृतिक गन्तव्य के रूप में स्थापित करना है।

रोजगारपरक होगी संस्‍कृति नीति

प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन विभाग मुकेश कुमार मेश्राम ने निर्देश देते हुए कहा कि, प्रस्तावित संस्कृति नीति में संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षिणिक, अकादमिक संस्थानों, एनजीओ, संगठनों आदि से सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवयवों को अवश्य ही सम्मिलित किया जाए। संस्कृति नीति रोजगारपरक होने के साथ-साथ ही प्रदेश के सर्वांगीण सांस्कृतिक विकास का साधन भी होना चाहिए।

उन्‍होंने बताया कि, इसमें हर जिले एवं सांस्कृतिक क्षेत्र के बहुरंगी रीति-रिवाजों, परंपराओं, खान-पान, खेल-कूद, पहनावा आदि सभी घटकों के संरक्षण एवं संवर्धन पर बल दिया जाए। लुप्त हो रही सांस्कृतिक विधाओं के प्रशिक्षण, संरक्षण, प्रदर्शन आदि को बढ़ावा देना के लिए इस क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक संस्‍थाओं, संगठनों, संस्कृतिविदों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की सब्सिडी/इंसेटिव का प्राविधान भी संस्कृति नीति में किया जाए, जिससे निजी क्षेत्र प्रदेश के सांस्कृतिक उन्नयन में भागीदार हो सके।

15 दिनों में मांगे गए सुझाव

प्रमुख सचिव जी ने यह भी निर्देश दिया कि, संस्कृति नीति का मसौदा प्रदेश के मूर्धन्य कलाविदों, कलाकारों, शिक्षाविदों, शोधार्थियों सहित सभी हित धारकों को  उपलब्ध करते हुए 15 दिनों में उनके बहुमूल्य सुझाव भी प्राप्त कर अनंतिम रूप से प्रकाशित कराया जाए। जिससे मुख्यमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन एवं संरक्षण में उत्तर प्रदेश अपनी विविधतापूर्ण बहुआयामी संस्कृति के चतुर्दिक विकास के पथ पर सदैव अग्रसर रहें। मंडलायुक्‍त लखनऊ ने भी संस्कृति नीति पर अपने सुझाव दिए।

राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय

मंडलायुक्त‍ लखनऊ एवं भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय कुलपति ने अवगत कराया कि, विवि को एक ऐसे राज्य संस्कृ‍ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया जाना लाभप्रद होगा, जिसमें संस्कृति से संबंधति सभी पाठ्यक्रमों जैसे- संगीत, नृत्य, ललित कला, अभिनय विभिन्न लोक नाट्य कलाओं सहित संग्रहालय विज्ञान, पुरातत्व, अभिले‍खीय प्रबंधन एवं संरक्षण आदि का पठन-पाठन, शोध, प्रशिक्षण आदि हो सके। इस पर प्रमुख सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि, प्रस्ताव पर सभी हित धारकों से सुझाव प्राप्त कर राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में औपचारिक विधिक कार्यवाही शीघ्र ही पूर्ण कराई जाए।

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