नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने एक बार मोदी सरकार को निशाने पर लिया। यीएन ने म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों, गाय के नाम पर हो रही हिंसा और पत्रकार गौरी लंकेशकी हत्या को लेकर भारत की मोदी सरकार की आलोचना की। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संघ के प्रमुख जैद राद अल हुसैन का कहना है कि भारत के गृहमंत्री ने कथित तौर पर का कि बारत रिफ्यूजी कन्वेंशन पर हस्तक्षार करने वाला देश नहीं है। इसलिए भारत को इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय कानून से हटकर काम करने का हक है। लेकिन बुनियादी मानव करूण के साथ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख के मुताबिक भारत का ये कदम अतंर्राष्ट्रीय कानूनों और प्रावधानों के विधिसंगत नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रचलित कानून के आधार पर भारत रोहिंग्या मुसलमानों का उन देशों या उन इलाकों में सामूहिक निष्कासन नहीं कर सकता है जहां उन पर अत्याचार होने की आशंका है या फिर उन्हें निशाना बनाया जा सकता है।’ सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त भारत में 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं इनमें से 16 हजार लोगों ने शरणार्थी दस्तावेज भी हासिल कर लिये हैं।
बता दें कि भारत में हो रही गाय पर हिंसा को बेहद चिंताजनक बताया साथ हुसैन ने कर्नाटक में पत्रकार गौरी की हत्या पर रहात जतायी उनका कहना है कि गौरी की हत्या पर भारत के 12 शहरों में विरोध प्रदर्शन आयोजित हुए। हुसैन ने कहा कि म्यांमार में अल्पसंख्यक रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ हिंसा और अन्याय ‘‘नस्ली सफाये’’ की मिसाल मालूम पड़ती है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए जैद राद अल हुसैन ने पहले 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हुए आतंकी हमले की बरसी का उल्लेख किया और फिर म्यामां में मानवाधिकार की स्थिति को लेकर चिंता प्रकट की।
साथ ही हुसैन का कहना है कि म्यामांर ने मानवअधिकार जांचकर्ताओं को जाने की इजाजत नहीं दी है। वहीं पूरी स्थिति का आकलन नहीं किया जा सकता। लेकिन यह स्थति नस्ली सफाए का उदाहरण प्रतीत हो रही है।’’ उधर, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि म्यामां के रखाइन प्रांत में ताजा हिंसा की वजह से 25 अगस्त से अब तक 3,13,000 रोहिंग्या बांग्लादेश की सीमा में दाखिल हो चुके हैं। म्यांमार के मध्य हिस्से में एक मुस्लिम परिवार के मकान पर पथराव करने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने रबर की गोलियां चलाईं। भीड़ ने मागवे क्षेत्र में रविवार रात हमला किया।