नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि राम मंदिर मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने वाली ‘टकराव की भावना’ नहीं होती.
“प्रतीक्षा करो और देखो”
बहरहाल, अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की कई बीजेपी नेताओं की मांग के बीच नकवी ने “प्रतीक्षा करो और देखो” की नीति अपनाने की अपील की और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं कहा है.
मुसलमान अमन-चैन और दोस्ताना हल चाहता है
नकवी ने कहा, “सरकार का जो रुख होगा, वही मेरा भी रुख होगा. सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं कहा है.” उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि इस विवादित मुद्दे को मुस्लिम समुदाय किस तरह देखता है, इस पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, “एक आम मुसलमान अमन-चैन और दोस्ताना हल चाहता है. एक आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने वाली टकराव की भावना नहीं होती.”
नकवी ने कहा, “मुस्लिम समुदाय बहुत ही शांतिप्रिय समुदाय है. वह खुद को किसी विध्वंसक एजेंडा में शामिल नहीं करना चाहता.” उन्होंने कहा, “कुछ लोग, कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने हित के लिए लोगों को उकसाने की कोशिश कर सकती हैं. लिहाजा, लोगों को लगता है कि इसका शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए और यह (मामला) खत्म होना चाहिए.”
नकवी ने कहा, “लोगों की अपनी भावनाएं हैं और एक लोकतंत्र में उनकी अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते. यह सिर्फ संयोग है कि चुनावों से पहले यह हुआ. वरना, यह तो पुराना मुद्दा है.” उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भी राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी के घोषणा-पत्र में शामिल था.