मंदसौर। मध्यप्रदेश में किसानें द्वारा किया जा रहा आंदोलन हिंसा के रूप में तबदील हो गया है। जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिंसा इतनी बढ़ गई है कि लोग बेकाबू हो गए हैं। बीते बुधवार को कर्फ्यू का उलंघन करते हुए किसानों ने पूरे दिन उतपाद और हंगामा मचाया। प्रदर्शनकारियों ने हंगामे के दौरान नेताओं और पुलिस कर्मियों को भी पीटा। साथ ही गाड़ियों और वेयरहाउस को अपने गुस्से का शिकार बना कर उनमें आग लगी दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भड़की हुई भीड़ ने करीब 15 बसों को आग के हवाले कर दिया। जिन बसों में आग लगाई वो बसे जाम में फंसी हुई थी। लोग अपनी जान बचाने के लिए खेतों में छिप गए।
बता दें कि आंदोलन की वजह से ग्राउंड जीरो पर हालात ज्यादा खराब है। प्रदर्शन के नाम पर आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। मंदसौर में हिंसा लगातार जारी है। बरखेड़ा में हमले एक किसान की शवयात्रा निकाले जाने के बाद शुरू हुए थे। इसी बीच मंदसौर के डीएम लोगों को समझाने पहुंचे लेकिन भड़की हुई भीड़ ने उनपर ही हमला कर दिया। उनके साथ धक्का मुक्की कर कपड़े फाड़ दिए और पुलिस पर पत्थराव किया। डीएम के वहां से भाग जाने के बाद लोगों ने टोल कलेक्शन को आग के हवाले कर दिया। आग के बाद फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां वहां पहुंची तो लोगों ने उसके भी शीशे तोड़ दिए। जिसकी वजह से अग्निशमन कर्मचारियों को वहां से भागना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर के पांच किलो मीटर लंबी बाइपास को बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बड़े वाहनों को जमकर लूटा भीड़ ने करीब 15 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। जब भीड़ नहीं थमी तो आरएएफ की टुकड़ी ने वहां मोर्चा संभाला लेकिन उसके बाद भी भीड़ का गुस्सा शांत नहीं हुआ। भीड़ ने सुअसरा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज को पीटा वहीं एक एटीएम को तोड़ने में नाकाम रहे तो उसमें आग लगा दी।