उत्तराखंड के जंगल एकबार फिर से धधक रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। तो उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के अनुसार 20 दिनों के अंदर जंगलों में आग लगने की 1187 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिसके बाद अब राज्य सरकार जंगलों को बचाने के लिए सख्ती के साथ ही इनाम का रास्ता भी अपना रही है।
आग बुझाने वाली टीम को 1 लाख का इनाम
दरअसल उत्तराखंड के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह ने कहा है कि आग बुझाने में जन सहभागिता बढ़ाने के लिए हर डिवीजन में पुरस्कार दिया जाएगा। उन्होने कहा कि आग बुझाने में सबसे आगे जो टीम रहेगी उसे 1 लाख का इनाम दिया जाएगा। वहीं दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 51 हजार तो तीसरे स्थान पर रहने वाली 10 टीमों को 31 हजार रुपए का इनाम मिलेगा।
2016 से ज्यादा खराब हो सकती है स्थिति
जंगलों में आग की घटनाओं के लेकर भूवैज्ञानिक जो आशंका जता रहे थे वो सही होती दिख रही हैं। आग की लगातार बढ़ती घटनाओं को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि इस बार स्थिति साल 2016 से ज्यादा खराब हो सकती है। भूवैज्ञानिकों के अनुसार अगर इस साल पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए तो मॉनसून आने तक 10 प्रतिशत से ज्यादा जंगल आग की चपेट में आ सकते हैं। बता दें कि 2016 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि आग कॉर्बेट नेशनल पार्क तक पहुंच गई है।
कुमाऊं क्षेत्र में नहीं बुझाई गई आग
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में विजिबिलिटी कम होने के कारण आग बुझाने का काम हेलीकॉप्टर से नहीं किया जा सका। कुमाऊं मण्डल की मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि वातावरण में धुआं बहुत था और इस कारण हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने के लिए जरूरी विजिबिलिटी नहीं मिली। वन विभाग के आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 85 और वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गई। जिनमें 165.45 हेक्टेअर जंगल जलकर खाक हो गया।
अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर वन विभाग के सभी अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में बने रहने को कहा गया है। वहीं प्रदेश में तैनात किए गए फायर वॉचर्स को 24 घंटे निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।