मोबाइल सिम खरीदने, बैंक अाउंट खुलवाने और कई अन्य सोवाओं के लिए अब आपको आधार कार्ड देने की जरूरत नहीं होगी। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने डाटा का दुरुपयोग होने की संभावना को देखते हुए वर्चुअल आईडी (वीआईडी) जारी करने का फैसला किया है। यूआईडीएआई की तरफ से यह तोहफा व्यक्तिगत की प्रिवेसी को ध्यान में रखते हए और इस पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को देखते लिया है।
यूआईडीएआई ने वीआईडी का बीटा संस्करण लांच कर दिया है और वादा किया है कि 1 जून 2018 से सभी प्रदाता सेवाएं आधार नंबर की जगह वीआईडी तो स्वीकार करना शुरू कर देगी।
यूआईडीएआई ने ट्वीट कर इस सूचना को सबसे साथ साझा किया, ट्वीट में लिखा गया- नई सुविधा आधार धारकों को बिना वेरीफिकेशन या सत्यापन की प्रक्रिया में अपना असली 12 अंकों का आधार नंबर दिए बिना एक वीआईडी नंबर देने की इजाजत देगी।
ट्वीट में आगे कहा गया कि जल्द ही सेवा प्रदाता आधार नंबर की जगह वीआईडी स्वीकारना शुरू कर देंगे। फिलहाल आप इसका उपयोग अपने आधार में अपना पता अपडेट करने में कर सकते हैं। ट्वीट में आधार वेबसाइट का लिंक देकर आधार धारकों से अपनी वीआईडी बनाने की भी अपील की गई है।
ऐसे मिलेगा वीआईडी
यूआईडीएआई के अनुसार वीआईडी एक अस्थायी नंबर है जिसे यूआईडीएआई की वेबसाइट से कितनी भी बार जनरेट किया जा सकता है। जिसकी वैलिडिटी सिर्फ एक दिन की होगी। इसे जनरेट करने के लिए आधार नंबर और सिक्योरिटी क्वेशचन दर्ज करने के बाद अपने नंबर पर एक ओटीपी दर्ज मिलेगा जिसे आपको दर्ज करना होगा जिसके बाद आपको एक वीआईडी जनरेट करने का ऑप्शन दिखेगा और उस पर क्लिक करते ही वर्चुअल आईडी प्राप्त हो जाएगा। इसे आप रोजोना लेकिन दिन में सिर्फ एक बार ही प्राप्त कर सकते हैं।
एक जून से सभी कंपनियों के लिए आधार के विकल्प के तौर पर वर्चुअल आईडी स्वीकार करना अनिवार्य हो जाएगा। कोई भी कंपनी आधार यूजर की ओर से वर्चुअल आईडी जनरेट नहीं कर सकती। इसे सिर्फ यूजर ही जनरेट कर सकता है क्योंकि वन टाइम पासवर्ड उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही आएगा।