हिमाचल में मंडी के कोटला और पंडोह में बुधवार सुबह बादल फटने से खूब तबाही हुई।
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पंडोह में मलबे की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत और कुलाह स्कूल की बिल्डिंग नाले में बह गई। कटोला में भी कई घरों और गौशालाओं को नुकसान हुआ है। वहीं शिमला सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी हैवी रेनफॉल जारी है। इससे जगह-जगह लैंडस्लाइड से घरों, गौशालाओं, दुकानों, सड़कों को नुकसान हो रहा है। भारी बारिश के बाद चंडीगढ़-शिमला, चंडीगढ़-मनाली फोरलेन सहित 700 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई है।
शिमला के विजयनगर, कृष्णानगर और गाहन में 12 से ज्यादा घरों को खाली कराया गया है। पहाड़ों की रानी शिमला पर देवदार के पेड़ कहर बनकर टूट रहे हैं। इससे पहाड़ों पर लोग दहशत में आ गए हैं।
चिंता इस बात की है कि अगले 72 घंटे तक भारी बारिश से राहत के आसार नहीं है। चंडीगढ़-शिमला फोरलेन सोलन के चक्की मोड़ के पास फिर से बंद हो गया है। इसके बाद हाईवे पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई है। अल्टरनेटिव रोड भी लैंडस्लाइड के कारण जगह जगह बंद हो गई है। सड़क से मलबा हटाने का काम चल रहा है।
प्रदेश में पिछले 24 घंटे से बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर आ गए है। मौसम विभाग ने 23-24 अगस्त के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले कुछ घंटे के दौरान सोलन, शिमला, सिरमौर, हमीरपुर, ऊना मंडी, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल स्पीति में तेज बारिश का अलर्ट दिया गया है।
इसे देखते हुए सरकार ने लोगों को उफनते हुए नदी-नालों और लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों में नहीं और गैर जरूरी यात्राएं टालने की सलाह दी है। इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में बादल फटने जैसी घटनाएं भी पेश आ सकती है। प्रदेश में 25 तक बारिश से राहत के आसार नहीं है। हालांकि 26 अगस्त से मानसून कमजोर पड़ने का पूर्वानुमान है।
मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए शिमला, हमीरपुर और मंडी जिले के सभी सरकारी व निजी स्कूल-कॉलेज आज व कल के लिए बंद कर दिए गए हैं, जबकि सोलन, सिरमौर व बिलासपुर जिले के शिक्षण संस्थानों में आज छुट्टी की गई है। इसी तरह कुछ सब डिवीजन में SDM द्वारा भी छुट्टियां कर दी गई है।