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जरा संभलकर! दुकानदार बेच रहे एक्सपायरी सामान, कहीं आप न बन जाएं खरीदार

जरा संभलकर! दुकानदार बेच रहे एक्सपायरी सामान, कहीं आप न बन जाएं खरीदार

लखनऊ: पहले देशव्यापी लॉकडाउन तरह राजधानी लखनऊ में प्रदेश व्यापी कोरोना कर्फ्यू में सालों पहले एक्पायर हो चुके खाद्य सामग्री को अब गली-मोहल्लों के दुकानदार और काॅलोनियों में फेरी लगाने वाले धड़ल्ले से बेच रहे हैं। इतना ही नहीं ऐसे कई उत्पाद शामिल हैं। जिन पर न तो एक्स्पायरी डेट है, साथ ही इस पर किसी भी तरह की पहचान दर्ज है। ऐसे में आप दुकानदारों से अपनी जरूरत का सामान खरीद रहते हैं तो ज़रा सावधान हो जाएं। असल में जो सामान आप खरीदकर घर ले जा रहें हैं, वह खतरनाक ही नहीं बल्कि घातक भी बन सकता है।

ग्राहकों ने दुकानदारों की खोली पोल

दरअसल, कोविड कर्फ्यू में इन दिनों ज्यादातर फैक्ट्री और शॉपिंग सेंटर बंद हैं। इसका फायदा उठाकर गली-मोहल्लों के दुकानदार और कॉलोनियों में फेरी लगाने वाले महीनों से रखी सामग्री को बेचने में लगे हुए है। इस सामग्री की डेट तक निकल चुकी है। लेकिन प्रशासनिक ढील के चलते ये दुकानदार अपनी सामग्री लगातार बेचे जा रहे है।

इस बात का खुलासा अलग-अलग कॉलोनी के बाशिन्दों ने किया। उन्होंने जब खाद्य सामग्री को खरीद कर चेक किया तो वह एक्सपायर मिला। इसके बाद वह एक्सपायर माल बेंचने की शिकायत भी कंट्रोल रूम कर रहे हैं। हालांकि शिकायत पर अफसरों ने एक्शन लेने की बात कही है।

फेरी वाले भी कर रहे खेल

देशव्यापी लॉकडाउन के बाद प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगातार जारी है, लेकिन थोक व्यापारी इसका दुरूपयोग कर अपना फायदा उठा रहे हैं। जिन दुकानदार के स्टॉक में रखा माल एक्सपायर हो गया है। वह फेरी वालों को मुनाफे का लालच देकर सस्ते दामों पर अपना माल बेच रहे है। जिसके बाद यह फेरी वाले आम लोगों को कॉलोनी और मोहल्लों में घूम-घूमकर एक्सपायर माल को भी ऊंचे दामों पर बेंच लेते हैं। हालांकि लॉकडाउन की वजह से गली-मोहल्लों की दुकानों का स्टाक एक्सपायर हो चुका है। लिहाजा दुकानदार अपना माल बेंचने की जुगत में लगे हुए है।

स्वास्थ्य पर घातक है एक्सपायरी सामान

होम्योपैथिक डॉक्टर रत्नाकर त्रिपाठी ने बताया कि खाद्य सामाग्री से जुड़े एक्सपायरी सामान लोगों के स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डालता है। कहा कि एक्सपायर माल आप भी न खरीद लें, इसके लिए जरूरी है कि आप सही दुकान या शोरूम के साथ सही स्टॉकिस्ट से ही माल खरीदें। इसके साथ ही यह भी देंखे कि जो पैक्ड माल खरीद रहे हैं उसकी एक्सपायर डेट क्या है। क्योंकि एक्सपायर डेट माल के इस्तेमाल से आपको खतरा ही नहीं जानलेवा भी हो सकता है। इसीलिए दुकानदार को भी एक्सपायर माल नष्ट करना चाहिए,ताकि किसी की जिंदगी से खिलवाड़ न हो सके।

सजा और दंड का है प्रावधान

अखाद्य पदार्थो को बेचने वाले के खिलाफ एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। एफडीए कम से कम 25 हजार रुपए से अधिकतम दो लाख रुपए तक जुर्माना कर सकता है। विभाग प्रकरण बनाकर कोर्ट में पेश करता है जिसमें कम से कम तीन माह की सजा का भी प्रावधान है।

पहला केस: तीन दिन पुराना दूध दिया

राजाजीपुरम के रहने वाले शिवशंकर ने बताया कि शनिवार उसने बेटी के लिए जनरल स्टोर से दूध का पैकेट खरीदा था। लेकिन दूध उबालने के दौरान फट गया। जब उसने पैकेट पर डेट देखी तो पता चला कि दूध का पैकेट तीन दिन पुराना था। फौरन उसने दुकानदार से शिकायत की, तो दुकानदार ने दूध सप्लायर को दोषी ठहराते हुए आधे पैसे वापस किए।

 दूसरा केस: छह महीने पुराना बेच दिया पाउडर

आलमनगर, कनकसिटी निवासी पंकज दिवेदी ने बताया कि रविवार को उसकी मां मोहल्ले के दुकानदार से डर्मी कूल पाउडर घर लेकर आई थी। पाउडर अक्टूबर 2019 को एक्सपायर हो चुका था। जब वह पाउडर वापस करने गया तो दुकानदार उस पर बिगड़ने लगा। नोकझोंक होने पर ग्राहकों की भीड़ जमा हो गई। इसके बाद दुकानदार ने पाउडर को लेते हुए उसके पैसे वापस कर दिए। हालांकि शिकायत न करने पर दुकानदार ने अपनी भूल स्वीकार है।

 तीसरा केस: तीन महीने पुराना बेच दिया कॉर्न फ्लोर पैकेट

बालागंज की रहने वाली आरती ने बताया कि शनिवार को उन बेटे पड़ोसी की दुकान से कॉर्न फ्लोर पाउडर का पैकेट खरीदकर घर लाया था, जिसकी एक्सपायरी मैनुफैक्चर डेट से 23 महीने तक लिखी हुई थी। लेकिन कॉर्न फ्लोर पैकेट पर मैनुफैक्चर डेट फरवरी 2018 लिखी हुई थी। इस हिसाब से जनवरी 2020 में वह पैकेट एक्सपायर हो चुका था। जब वह पैकेट वापस करने पहुंची तो, दुकानदार उसे वापस लेने से मना करने लगा। हांलाकि कुछ सोच समझकर दुकानदार ने पैकेट वापस कर लिया।

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