आज नवरात्रि का छठा दिन है, और आज के दिन मां दुर्गा के छठे रूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था, इसलिए इनको कात्यायनी कहा जाता है। मां कात्यायनी की चार भुजाओं में अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है। इनका वाहन सिंह है, और ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। कहा जाता है कि गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इन्ही की पूजा की थी।
मां कात्यायनी का उल्लेख
हिंदू धर्म में नवरात्रि मनाने का खास महत्व होता है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजी की जाती है। उन्ही में से एक हैं मां कात्यायनी, जिनकी भक्ति से योग्य और मनचाहा वर प्राप्त होता है। कहते हैं कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए मां कात्यायनी की पूजा अचूक होती है। और अगर कुंडली में विवाह के योग नहीं भी हों तो भी विवाह हो जाता है।
कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा ?
मां कात्यायनी की पूजा करने की विधि काफी सरल है। मां की प्रतिमा को पटरे पर या वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। और उनको पीले या लाल वस्त्र पहनाकर, पीले फूल चढ़ाएं और शहद का भोग लगाएं। हो सके तो सुगन्धित पुष्प अर्पित करें उससे शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होंगी। फिर घी के दिए या कपूर से मां की मूर्ति और स्थापित कलश की आरती उतारें, और हो सके तो दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इससे मां की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है, और मां मनचाहा फल देती हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
नवरात्रि के दौरान दाढ़ी-मूंछ, बालों और नाखूनों को नहीं कटवाना चाहिए।
काले कपड़े पहनकर मां दुर्गा की पूजा न करें।
व्रत रखने वाले लोगों को जूते-बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
व्रत रखने वालों को नवरात्रि के दौरान दिन में नहीं सोना चाहिए।
व्रत खोलने के लिए सिंघाडे का आटा, सेंधा नमक, आलू, मेवा, मूंगफली आदि का सेवन करें।