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राष्‍ट्रपति ने जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च वरुणा के परिसर की आधारशिला रखी

ramnath kovind राष्‍ट्रपति ने जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च वरुणा के परिसर की आधारशिला रखी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मैसूरु के वरुणा ग्राम में जेएसएस एकेडमी ऑफ़ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च के परिसर का शिलान्यास किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता प्रकट की कि वरुणा ग्राम में जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च का ‘ग्लोबल कैम्पस’ शिवराथरी राजेन्‍द्र महास्‍वामी को श्रद्धांजलि है, जिनकी 104 वीं जयंती इस वर्ष मनाई जा रही है।

्रउन्होंने कहा कि शिक्षा पर सुत्तूर मठ के फोकस को शिवराथत्री राजेन्‍द्र महास्वामीजी ने प्रबल प्रोत्साहन दिया। जेएसएस एकेडमी ऑफ़ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च की स्थापना 2008 में हुई थी और आज इसे स्वास्थ्य विज्ञान का एक प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जेएसएस एकेडमी के इस नए ‘ग्लोबल कैम्पस’ से संस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक योगदान देने में मदद मिलेगी।

देश की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों की ओर इंगित करते हुएराष्ट्रपति ने कहा कि हमने हाल के वर्षों में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, फिर भी विकास की दिशा में स्वास्थ्य हमारे लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बना हुआ है। एक देश के रूप में हमें संचारी, गैर-संचारी तथा नए और उभरते रोगों के तिहरे बोझ की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। कुपोषण और उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग भी हम पर भारी दबाव डालते हैं। हमें स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार लाने की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि साफ-सफाई और स्वच्छता स्वास्थ्य संबंधी कई मुद्दों और बीमारियों से निपटने की बुनियादी आवश्यकता है। उन्‍होंने कहा कि स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए एक राष्ट्रव्यापी क्रांति पहले से ही जारी है। इसे जारी रखना चाहिए और हर गुजरते दिन के साथ इसे और मजबूती प्रदान की जानी चाहिए। यह महात्मा गांधी को हमारी श्रद्धांजलि होगी, जिनकी 150वीं जयंती हमने अभी-अभी मनाई है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां हमारी विशाल सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से जुड़ी हैं। इन स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के समाधानों का व्यापक और बहु-आयामी होना आवश्यक है। उन्हें आधुनिक चिकित्सा और पारंपरिक ज्ञान दोनों की शक्ति का उपयोग करना चाहिए। उन्हें मन और शरीर दोनों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें रोकथाम और उपचार दोनों शामिल करना चाहिए।

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