कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। इसी को लेकर बीजेपी ने अपना मेनिफेस्टो जारी किया है, लेकिन इसके कारण बीजेपी खुद घेरे में आ गई है और पार्टी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में जिन तस्वीरों को साझा किया है वो पश्चिम बंगाल की नहीं बल्कि बांग्लादेश की है। घोषणा पत्र के बुकलेट के कवर के पिछले हिस्से पर इन तस्वीरों का कोलाज बनाकर उन्हें दर्शया गया है।
बता दें कि बीजेपी ने जो तस्वीरे जारी की है वो साल 2013 में बांग्लादेश में भड़के सांप्रदायिक तनाव की है, लेकिन बीजेपी ने इन तस्वीरों को अपने घोषणा पत्र में डालकर ये दर्शाने की कोशिश की है कि ममता के राज में हिंदू बंगाल में सुरक्षित नहीं है। बीजेपी ने ऐसी तस्वीरों का इस्तेमाल अपने प्रोपेगेंडा के हिस्से के तौर पर किया है। बीजेपी अक्सर ममता बनर्जी के राज में बंगाल में हिन्दुओं के दमन के आरोप लगाती रही है और इन तस्वीर में प्रदर्शनकारियों को मुस्लिम टोपी पहने और हाथ में लाठियां लिए देखा जा सकता है।
कुछ अन्य तस्वीरों में हिन्दू देवी-देवताओं की क्षतिग्रस्त मूर्तियों को भी देखा जा सकता है। बता दें कि बांग्लादेश के नसीरनगर में अक्टूबर 2016 में ऐसी ही घटना हुई थी, ये तस्वीर संभवत: उसी दौरान की है। बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष और वरिष्ठ पार्टी नेता मुकुल रॉय ने मंगलवार को मेनिफेस्टो को लॉन्च किया था। जब उनसे ऐसी तस्वीरों के इस्तेमाल के बारे में पूछा गया तो घोष ने कहा कि ये आज के पश्चिम बंगाल के हालात को दिखाने के लिए किया गया जिसे बदलने की जरूरत है।