जयपुर। डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 126वीं जयंती पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जहां मुख्य अतिथी के तौर पर विधानसभा के अध्यक्ष कैलाश मेघावत शामिल हुए थे। इसी कार्यक्रम के दौरान कैलाश मेघावत ने कहा की हमें संविधान की प्रस्तावना, प्रावधान और अनुच्छेदों का आज से ही अच्छे से पालन करने की जरुरत है। साथ ही डॉ. भीमराव अंबेडकर के आदर्शों को भी अपने जीवन में उतारने की जरुरत है। ये कार्यक्रम 12 अप्रैल को आयोजित किया गया था।
कैलाश मेघावत ने कहा की, भारतीय संविधान की प्रस्तावना और भाषा को समझने की जरूरत है। आजादी के बाद आबादी के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय गठित किए गए थे जो आज भी बरकरार हैं। लेकिन सोचने की बात यह है कि वर्तमान में आबादी का जितना विस्तार हुआ है उस हिसाब से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों की खंड पीठों की संख्या में भी बढोतरी की जानी चाहिए जिससे न्याय और अधिकार निचले तबके तक पहुंच सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर की शिक्षा विद्वत्ता और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए ही उन्हें संविधान निर्माण की जिम्मेदारी दी गई थी। आज की पीढी को संविधान को समझने और पढने की आवश्यकता है। कार्यक्रम की शुरुआत में बार एसोसियेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए डा. अम्बेडकर की जीवनी के बारे में बताया। कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति स्वरूप डा. अम्बेडकर का चित्र भी भेंट किया गया। कार्यक्रम में बडी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे।