आसाराम पिछले लगभग 5 साल से जोधपुर की जेल में बंद हैं। 2013 में उनके ही गुरुकुल में रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दो दिन बाद ही लड़की के पिता ने दिल्ली जाकर पुलिस में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। केस पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया। इसके बाद लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया गया और मामला राजस्थान पुलिस को ट्रांस्फर कर दिया गया।
बापू को पुछताछ के लिए 31 अगस्त 2013 को समन जारी किया गया लेकिन उसके बावजूद वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 342 (गलत तरीके से बन्धक बनाना), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक हथकण्डे) के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज़ करने हेतु जोधपुर की अदालत में सारा मामला भेज दिया। इसके बाद आसाराम ने बचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया लेकिन वह नाकाम रहे और 1 सितंबर 2013 को राजस्थान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
आज यानि कि 25 अप्रैल को जोधपुर कोर्ट आसाराम पर फैसला सुनाएगी। इसमें खास बात यह है कि इसके लिए जेल में ही बने कोर्ट रूम में आसाराम पर फैसला सुनाया जाएगा। यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी आरोपी को जेल में ही फैसला सुनाया जाएगा। इससे पहले तीन अन्य आरोपियो को भी जेल में ही फैसला सुनाया जा चुका है।
जोधपुर जेल के जिस हिस्से में आसाराम बंद है उसके काफी करीब एक हॉल है। इसी हॉल को कोर्टरूम बनाया गया है। 31 साल पहले इसी जगह टाडा कोर्ट बनाई गई थी। तब अकाली नेता गुरचरण सिंह तोहड़ा आरोपी थे। अब इसी जगह आसाराम को खड़ा किया जाएगा।
स्वतंत्र भारत में जेल में ही फैसला सुनाए जाने वाला आसाराम चौथा आरोपी है। उससे पहले इंदिरा गांधी के हत्यारों, आतंकी अजमल कसाब और राम-रहीम को जेल में ही फैसला सुनाया गया था। यह चौथा मामला है, जब अदालत अपना फैसला जेल में बनी कोर्ट से सुनाएगी।
नीचे पढ़ें किसको किस जेल में सुनाई गई सजा-
1. तिहाड़ जेल (दिल्ली): इंदिरा गांधी के हत्यारों बेअंत और सतवंत सिंह।
2. ऑर्थर रोड (मुंबई): आतंकी अजमल आमिर कसाब।
3. सुनारिया (हरियाणा): डेरा प्रमुख गुरमीत राम-रहीम।
4. जोधपुर जेल: यहां बुधवार को आएगा आसाराम पर फैसला।