नैनीताल। उत्तराखंड में बीते चुनाव के खर्च की रिपोर्ट न देने वालों को अगले 6 वर्षों के लिए चुनाव लड़ने के लिए असक्षम करार कर देने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है। इसी सिलसिले में जज सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में यह निष्कर्ष निकाला कि याचिकाकर्ता को अयोग्य घोषित करने से पहले याची को अपनी बात रखने का मौका दिया जाये साथ ही सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन भी किया जाएं। पहले भी चुनाव आयोग ने वर्ष 2003 में कई लोगों को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर इस बात की घोषणा की थी कि उम्मीदवारों को चुनाव संपन्न होने के 30 दिन के भीतर ही चुनावी खर्च की रिपोर्ट जमा करनी होगी।
गांव डोईवाला की पूर्व प्रधान सुनीता रावत ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि आयोग को कोई विशेषाधिकार नहीं है कि वो किसी भी उम्मीदवार को अयोग्य घोषित करें। साथ ही उन्होंने सुनवाई के मौका देने की बात से अपनी सहमति जताई।